नई दिल्ली । भारत में तेजी से फैल रहा H3N2 का संक्रमण अब जानलेवा होता जा रहा है । H3N2 इन्फ्लूएंजा की वजह से देश में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक मौत कर्नाटक में दर्ज की गई, जबकि H3N2 इन्फ्लूएंजा के कारण हरियाणा में दूसरी मौत हुई है । देश में अब तक H3N2 इन्फ्लुएंजा के कुल 90 मामले और H1N1 के आठ मामले सामने आए हैं. । सूत्रों ने बताया कि भारत ने फिलहाल आबादी में घूम रहे इन दो तरह के इन्फ्लुएंजा वायरस का पता लगाया है ।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा था कि राज्य में इन्फ्लुएंजा ए H3N2 वेरिएंट वायरस के संक्रमण से घबराने की कोई जरूरत नहीं है । उन्होंने यह भी कहा था कि लोगों को सावधानी बरतने के लिए जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे और सभी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनने का निर्देश देते हुए आदेश जारी किया जाएगा ।
सुधाकर ने कहा था कि राज्य में 26 लोगों के एच3एन2 टेस्ट पॉजिटिव आए हैं और इनमें से दो मामले बेंगलुरु से हैं । उन्होंने कहा कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों को H3N2 वेरिएंट से ज्यादा खतरा है और यह वेरिएंट 60 साल से ऊपर के लोगों को भी संक्रमित करता है ।
खांसी और बुखार की वजह ‘इंफ्लुएंजा ए’ का सब-वेरिएंट H3N2
मार्च माह की शुरुआत में ही भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के विशेषज्ञों ने कहा था कि भारत में पिछले दो-तीन महीने से लगातार खांसी और किसी-किसी मामले में बुखार के साथ खांसी होने का कारण ‘इन्फ्लुएंजा ए’ का उपस्वरूप ‘एच3एन2 है । आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने कहा कि पिछले दो-तीन महीने से व्यापक रूप से व्याप्त एच3एन2 अन्य उपस्वरूपों की तुलना में रोगी के अस्पताल में भर्ती होने का बड़ा कारण है ।
आईएमए ने एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल को लेकर किया आगाह
दूसरी ओर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देश भर में खांसी, जुकाम और जी मिचलाने के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग को लेकर आगाह किया है । आईएमए ने कहा कि मौसमी बुखार पांच से सात दिनों तक रहेगा । आईएमए की एक स्थायी समिति ने कहा कि बुखार तीन दिन में खत्म हो जाएगा, लेकिन खांसी तीन हफ्ते तक बरकरार रह सकती है ।