20.04.23| छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के बतौली में जिला प्रशासन की टीम ने कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से संचालित गुड़ फैक्ट्री को तहसीलदार की मौजूदगी में सील किया। बता दें कि, गुड़ फैक्ट्री के संचालक के पास फैक्ट्री के वैध दस्तावेज नहीं थे। यहां पर नियमों को ताक में रखकर पिछले दस वर्षों से काम हो रहा था। काम के दौरान गन्ने रस की कड़ाही में 12 वर्षीय बालक के गिरकर घायल होने की खबर प्रकशित होने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई की है।
बता दें कि, कुछ दिन पहले बतौली के गुड़ फैक्ट्री में काम कर रहा 12 वर्षीय बालक गन्ने रस की खौलती कड़ाही में गिरकर घायल हो गया था। इस खबर को हरिभूमि डॉट कॉम ने प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच किया। जांच में गुड़ फैक्ट्री का संचालन अवैध रूप से संचालित होना पाया गया, इसके बाद प्रशासन ने गुड़ फैक्ट्री को सील कर दिया।
वहीं जिला कलेक्टर कुंदन कुमार ने वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए गुड़ फैक्ट्री के संचालक किसन पाल सिंह को समय दिया है। जांच में पर्यावरण प्रदूषण, नाबालिगों से काम करवाने के संबंध में श्रम विभाग को जांच कर, रिपोर्ट एसडीएम रवि राही को सौंपने और बतौली में अन्य अवैध रूप से संचालित गुड़ फैक्ट्री पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि, सरगुजा जिले के बतौली के बिलासपुर में अवैध रूप से संचालित गुड़ फैक्ट्री में काम पर लगे 15 वर्षीय नाबालिग रोहित, पिता रामप्यारे काम करने के दौरान गन्ने के रस से भरे हुए खौलते कड़ाही में गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में उसे गुड़ फैक्ट्री संचालक ने अंबिकापुर के प्राइवेट गायत्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और वहां बच्चे का इलाज जारी है। बच्चे के परिजनों ने बताया कि, गन्ने के रस से भरे कड़ाही में गिरने से 15 वर्षीय नाबालिग छात्र के पिछला हिस्सा पूरी तरह से झुलस गया है।
जबकि बतौली के बिलासपुर में संचालित यह अवैध गुड़ फैक्ट्री शुरू से ही विवादों के घेरे में है। जहां पहले ही दो नाबालिग लड़कीयां गुड़ फैक्ट्री से लापता हो गए, जिनका आज तक कुछ पता नहीं है।
वहीं ग्रामीणों की शिकायत पर बतौली थाने में गुड़ संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही थी, जिससे उसके हौसले बुलंद थे और वह लगातार नाबालिगों से काम करवा रहा था। लेकिन, अब प्रशासनिक कारवाई के बाद उसकी दबंगई खत्म हो गई है। इससे ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।