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आरक्षण पर सीएम का आक्रमण : हम देना चाहते हैं, भाजपा स्थिति स्पष्ट करे
आरक्षण पर सीएम का आक्रमण : हम देना चाहते हैं, भाजपा स्थिति स्पष्ट करे

विशेष संवादाता, रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पंडरिया में भेंट मुलाकात से लौटकर रायपुर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान ऐसा कुछ कह दिया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को बेबाक सलाह भी थी। उन्होंने प्रदेश में चल रहे आरक्षण सम्बन्धी मामलों पर पूर्व भाजपा सरकार की नीतियों को दोषी बताया। सीएम बघेल ने चुनौती भरे लहजे में कहा कि कांग्रेस सभी वर्गों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देना चाहती है। इसके लिए हम काम भी कर रहे हैं। परन्तु भाजपा आरक्षण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे? उन्होंने पूर्व मुख्या मंत्री रमन सिंह को कहीं का राज्यपाल बनकर राजनितिक भविष्य को भी सुरक्षित कर लेने की ऐसी सलाह दी है कि जैसे सच में रमन राजयपाल बनाये जा रहे हैं।

भूपेश बघेल ने भाजपा से जुड़े एक सवाल पर कहा, रमन सिंह को केंद्रीय नेतृत्व लगातार पीछे ढकेल रहा है। नये लोगों को सामने ला रहे हैं। यदि हमारे दृष्टिकोण से देखेंगे तो रमन सिंह का यहीं रहना हमारे लिये लाभदायक है। लेकिन व्यक्तिगत तौर पर कहें तो रमन सिंह को राजनीतिक भविष्य के लिए राज्यपाल बन जाना चाहिए। बता दें कि एक्स सीएम डॉ रमन सिंह सपत्नीक चिकित्सकीय कारणों से अपने पूर्व ओएसडी विक्रम सिसोदिया के साथ शुक्रवार को दिल्ली गए हैं। उनके यूँ अचानक जाने की वजह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात और राज्यपाल बनने के ऑफर का हल्ला था। इसलिए भी सीएम बघेल ने राज्यपाल बनने की सलाह दी हो।

सीएम ने आरक्षण का कोर्ट में गया मुद्दा भाजपा की वजह से बताया। उनके मुताबिक 2005 में भारत सरकार का आदेश आ गया था कि अनुसूचित जाति, जनजाति को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाए। लेकिन रमन सिंह 2011 तक इसपर रोक लगाकर रखे थे। 2011 में जब आंदोलन हुआ तो 2012 में एक नोटिफिकेशन जारी किया। उसके बाद लोग कोर्ट गए, राज्य सरकार ने स्टे लिया। उसके बाद 2018 तक उनके पास मौका था, लेकिन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी उसकी रिपोर्ट में कोर्ट में नहीं रख पाए। ननकीराम कंवर की अध्यक्षता में एक समिति बनी थी उस रिपोर्ट को भी कोर्ट में सबमिट नहीं किया। इन छह सालों में रमन सिंह सरकार ने किया क्या?

स्थानीय आरक्षण पर बोले, आदिवासियों का ख्याल रखेगी सरकार

बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलों में स्थानीय निवासियों का 100% आरक्षण खत्म होने पर भी मुख्यमंत्री से सवाल हुए। उन्होंने कहा, कोर्ट ने उसकी अधिसूचना को रद्द किया है। सरकार बस्तर और सरगुजा संभागों में आदिवासियों का ख्याल रखेगी। उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों सरकार की उस अधिसूचना को असंवैधानिक बता दिया था जिसके जरिए अधिसूचित जिलों में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की जिला कॉडर नौकरियों को केवल स्थानीय मूल निवासियों के लिए आरक्षित कर दिया गया था।

https://theruralpress.in/2022/10/01/cms-attack-on-reservation-we-want-to-give-bjp-should-clarify-the-situation/