नई दिल्ली। एक बैंक के पूर्व सहायक उपाध्यक्ष को ग्राहकों के खातों से 19 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपी की पहचान नागेंद्र कुमार के रूप में हुई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि बैंक के सतर्कता विभाग ने शिकायत दर्ज कराई है कि कुमार उनका कर्मचारी है और बाराखंभा रोड शाखा में तैनात है।
अधिकारी ने कहा कि 7 अगस्त, 2020 को दो खाताधारकों ने बैंक के नकद प्रबंधन पोर्टल (सीएमएस) के माध्यम से अपने खातों से कुछ डेबिट लेनदेन को लेकर विवाद किया।
बैंक को बाद में पता चला कि कुमार ने इन खातों से अलग-अलग बैंकों में अपने खातों में 19.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। पुलिस उपायुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) जितेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि शिकायतकर्ता बैंक ने उन बैंकों से संपर्क किया, जिनमें आरोपी द्वारा राशि स्थानांतरित की गई थी और पीड़ितों के खातों में धोखाधड़ी का पैसा वापस मिला।
पुलिस ने कहा कि कार्यान्वयन और ग्राहक सहायता विभाग में सहायक उपाध्यक्ष होने के नाते कुमार को बैंक के होस्ट-टू-होस्ट बैंकिंग सिस्टम (सिक्योर फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) में पढ़ने और लिखने की अनुमति थी।
7 अगस्त, 2020 को, उसने आठ लेनदेन वाली दो फंड ट्रांसफर फाइलें बनाईं और उन्हें होस्ट-टू-होस्ट बैंकिंग सिस्टम में इन कंपनियों के फोल्डर में अपलोड कर दिया।
तत्पश्चात, बैंक की नकद प्रबंधन प्रणाली स्वचालित रूप से इन फाइलों को भुगतान के लिए भेज देती है। पुलिस ने बताया कि रकम ट्रांसफर करने के बाद कुमार ने उसी तारीख को शाम 5 बजकर 44 मिनट पर ईमेल के जरिए अपना इस्तीफा भेजकर नौकरी छोड़ दी।
मीना ने कहा कि कुमार को शुक्रवार को वसंत कुंज इलाके से पकड़ा गया था।