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इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला, सीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी, हाईकोर्ट ने दी जांच की अनुमति,

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले में हाइकोर्ट ने जांच की अनुमति दे दी है। सीएम ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि उच्च न्यायालय ने जनता की गाढ़ी‌ कमाई के पैसों के गबन के प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच की अनुमति दे दी है।

नार्को टेस्ट में प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया‌ था कि उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रियों अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल व रामविचार नेताम सहित कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपए दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए। भ्रष्टाचार उजागर होना चाहिए। दोषियों को सज़ा मिलनी ही चाहिए।

जानिए क्या है पूरा मामला

साल 2006 में 54 करोड़ रुपए का घोटाले का खुलासा हुआ था। इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले में सबसे बड़ा खुलासा वर्ष 2013 में कांग्रेस के द्वारा किया गया हालांकि यह खुलासा विवादों में ही घिरा रहा। बैंक गबन के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री व चार कैबिनेट मंत्री पर करोड़ों रुपये लेने का आरोप कांग्रेस ने लगाया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने वर्ष 2013 में बैंक के तत्कालीन मैनेजर के नार्को टेस्ट की सीडी को सार्वजनिक किया था। सीडी में मैनेजर ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, तत्कालीन वित्त मंत्री अमर अग्रवाल, लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, आवास एवं पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत और सहकारिता मंत्री रामविचार नेताम को एक-एक करोड़ रुपये बांटने का दावा किया था।

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