नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) मामले में व्यवसायी आनंद जैन से जुड़े नौ परिसरों की तलाशी ली। सूत्रों ने कहा कि जैन की कंपनी, अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर वेंचर कैपिटल और कुछ अन्य स्थानों पर तलाशी ली गई।
मामला क्या है?
सूत्रों के मुताबिक, लगभग 300 मिलियन अमरीकी डालर मॉरीशस स्थित फर्मों से अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर वेंचर कैपिटल में डायवर्ट किए गए थे। इसके बाद इन फंडों को कथित रूप से डायवर्ट किया गया और विभिन्न कंपनियों में निवेश किया गया और जैन को फंड से 400 करोड़ रुपये मिले। हालांकि, जैन के किसी भी वेंचर में ये निवेश नहीं दिखा।
ईडी ने मॉरीशस से डायवर्ट फंड पर संदेह का हवाला देते हुए आनंद जैन और अन्य संबंधित संस्थाओं के खिलाफ फेमा के तहत एक जांच शुरू की।
आनंद जैन नवी मुंबई एसईजेड प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई एसईजेड लिमिटेड, रिलायंस हरियाणा एसईजेड लिमिटेड और अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर वेंचर कैपिटल लिमिटेड (यूआईवीसीएल) के अध्यक्ष हैं। वह जय कॉर्प के निदेशक भी हैं और रिलायंस समूह के साथ निकटता से जुड़े हुए हैं।
जैन रिलायंस समूह के साथ एक शीर्ष कार्यकारी थे और लगभग तीन दशकों तक शीर्ष स्तर पर विभिन्न रिलायंस उपक्रमों के साथ मिलकर काम किया। 2007 में उन्हें फोर्ब्स इंडिया की 40 शीर्ष भारतीय अमीरों की सूची में नामित किया गया था और 11 वें स्थान पर रखा गया था।