एक एक्ट्रेस के चलते तीन आईपीएस अधिकारियों पर गाज गिरी है. सरकार ने रविवार को राज्य के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. बताया जा रहा है कि इन निलंबित किए गए अधिकारियों में एक डीजी रैंक के अधिकारी भी शामिल है. सरकार ने ये कार्रवाई एक एक्ट्रेस को उसके खिलाफ दर्ज मामले में उचित जांच किए बिना गिरफ्तार करने को लेकर की. सरकार ने अलग-अलग आदेश जारी कर तीनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक निलंबित आईपीएस अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई की एक एक्ट्रेस और मॉडल कादंबरी जेठवानी को उसके खिलाफ दर्ज मामले में सही तरीके से जांच नहीं की और जल्दबाजी में उसे गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही अधिकारियों पर एक्ट्रेस को परेशान करने का भी आरोप लगा है.
सरकारी आदेश के मुताबिक, पूर्व खुफिया प्रमुख पी. सीताराम अंजनेयुलु (महानिदेशक रैंक), विजयवाड़ा के पूर्व पुलिस आयुक्त कांथी राणा टाटा (महानिरीक्षक रैंक) और तत्कालीन पुलिस उपायुक्त (विजयवाड़ा) विशाल गुन्नी (पुलिस अधीक्षक रैंक) को एक्ट्रेस के कथित उत्पीड़न में उनकी भूमिका का खुलासा होने के बाद निलंबित करने का फैसला किया गया है.
क्या है पूरा मामला मामला
दरअसल मुंबई की रहने वाली एक्ट्रेस कादंबरी जेठवानी ने अगस्त में एनटीआर पुलिस आयुक्त एस.वी. राजशेखर बाबू के पास एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में उन्होंने कहा था कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता और फिल्म निर्माता विद्यासागर ने फरवरी में उनके खिलाफ जालसाजी और जबरन वसूली का मामला दर्ज कराया था. एक्ट्रेस ने आरोप लगाया था कि शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने विद्यासागर के साथ मिलकर उन्हें और उनके माता-पिता को परेशान किया, उन्हें गिरफ्तार किया और बिना किसी पूर्व सूचना के मुंबई से विजयवाड़ा ले गए.
एक्ट्रेस ने कहा कि पुलिस ने उन्हें और उनके बुजुर्ग माता-पिता को अपमानित किया और गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा, जिसके कारण उनके परिवार को 40 दिनों से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा. एक्ट्रेस के वकील एन. श्रीनिवास ने आरोप लगाया कि विद्यासागर ने जेठवानी और उनके परिवार को फंसाने के लिए जाली दस्तावेज बनवाए और पुलिस ने उन्हें कई दिनों तक जमानत की याचिका दाखिल करने की इजाजत नहीं दी.