बिलासपुर—जिला पंचायत पंचायत स्वच्छ भारत मिशन समन्वयक पर कमीशनखोरी का आरोप धीरे धीरे अब तूल पकड़ता जा रहा है। जिला पंचायत सभापति ने मामले को अब प्रमाण के साथ कलेक्टर के सामने पेश करने का एलान किया है। खबर के बाद जिला पंचायत में खलमली मच गयी है। जानकारी देते चलें कि 20 जून 2024 की सामान्य सभा बैठक में अंकित गौरहा ने एसबीएम समन्वयक पर कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए जिम्मेदारी से हटाने की मांग की थी। समर्थन में जिला पंचायत के कई सदस्यों ने अंकित का साथ दिया। मामले को किसी तरह संभाला गया। इसके बाद सभापति ने अल्टीमेटम देते हुए एसबीएम समन्वयक को सात दिनों के भीतर हटाने की बात कही। बावजूद इसके समन्वयक को नहीं हटाया गया। अंकित गौरहा ने कहा कि अब पूरे प्रकरण को कलेक्टर के सामने पेश किया जाएगा। सरपंच भी प्रमाण के साथ लिखित शिकायत करेंगे।
सदन में कमीशनकोरी का गूंज
जानकारी देते चलें कि जिला पंचायत सामान्य सभा की पिछळी बैठक 20 जून 2024 को हुई। बैठक में जनप्रतिनिधियों में कई प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए अहम मुद्दों को सबके सामने पेश किया। इसी दौरान जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने कमीशनखोरी का गंभीर आरोप लगाते हुए जिला पंचायत समन्वयक को तत्काल हटाए जाने की मांग की। अंकित के सवाल और कमीशनकोरी का सीधा आरोप को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। तत्कालीन समय जिला पंचायत अध्यक्ष समेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने मामले को संभाला।
बैठक में अंकित गौरहा ने एसबीएण समन्वयक पर बैठी पूनम तिवारी पर सीधा आरोप लगाया कि बिना कमीशन के कोई काम नहीं करती है। जिसकेचलते सरपंचों का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
शौचालयों में घोटाला
गुरूवार को अंकित गौरहा ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन भारत सरकार की अहम् योजना है। योजना के तहत प्रतिनिधियों की मांग और शासन के निर्देश पर जिला पंचायत क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय के अलावा निजी शौचालय समेत सरल तरल अवशिष्ट प्रबंधन यानी एसएलडब्लू का काम किया जाता है। साथ ही जिला समन्वयक के ही माध्यम से हितग्राहियों को रिक्शा वितरण किया जाता है। काम के एवज में एजेन्सियों को राशि का भुगतान किया जाता है।
कमीशन के लिए भुगतान पर रोक
अंकित ने बताया कि जिला पंचायत समनव्यक की मनमानी से जनता और प्रतिनिधि परेशान हैं। बिना कमीशनखोरी के भुगतान नहीं किया जाता है। सभापति ने कहा कि यह जानते हुए भी कि निगम क्षेत्र में कराए गए काम का भुगतान निगम प्रशासन के माध्यम से किया जाता है। लेकिन एसबीएम समन्वयक पूनम तिवारी नियम कानून को ताक पर रखकर सारे भुगतान स्वयं करती है। इस दौरान सरपंचों से खुलेआम कमीशनकोरी की मांग करती है।
एसबीएम समन्वयक को अल्टीमेटम
सामान्य सभा की बैठक में एसबीएम समन्वयक को हटाए जाने को कहा था। इस दौरान यह भी कहा गया कि महीने भर के लिए ही सही लेकिन लोगों को आक्रोश को देखते हुए उन्हें हर हालत में हटाया जाए। तत्कालीन समय जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी से स्पष्ट कहा कि यदि सात दिनों के भीतर एसबीएम समन्वयक को नहीं हटाया जाता है। तो मामले को कलेक्टर के सामने ऱखेंगे। सरपंच भी प्रमाण के साथ लिखित शिकायत करेंगे। हमने फैसला किया है कि सरपंचों के सोमवार को कलेक्टर से मुलाकात कर वस्तुस्थिति को सामने रखेंगे।
नियम कानून ताक पर..53लाख का भुगतान
अंकित ने बताया कि साल 2016- 2019 के दौरान जिला पंचायत ने प्रतनिधियों की मांग और शासन के निर्देश पर निगम क्षेत्र बहतराई,खमतराई समेत अन्य पंचायतों में सामुदायिक और निजी शौचालयों का निर्माण किया। कुल 53 लाख का भुगतान किया गया। भुगतान नियमानुसार निगम प्रशासन के माध्यम से किया जाना था। बावजूद इसके समन्वयक ने नियम कानून को ताक पर रखकर भुगतान किया। रूपया तो खत्म हो गया..लेकिन अभी भी कई पंचायतों को शौचालय निर्माण का भुगतान नहीं किया गया। कई सरपंचों ने बताया कि बिना कमीशन के भुगतान नहीं किया जाता है। कुछ ने यह भी बताया कि कमीसन नहीं दिए जाने के कारण साल साल दर बीत गए लेकिन अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। जानकारी मिली है कि शौचालय निर्माण के बाद सभी को राशि का भुगतान कर दिया गया है।
ताला जड़ने की धमकी
मामले में एक सरपंच ने कहा कि यदि भुगतान नहीं किया गया तो बनाए गए सामुदायिक शौचालयों में ताला जड़ देगा। लेकिन इसके पहले कलेक्टर के सामने शिकायत दर्ज कराएंगे। सरपंच के अनुसार उसके पास कमीशनकोरी की लिखित जानकारी है। कई जगह तो ऐसा भी हुआ है कि शौचालय का निर्माण नहीं हुआ..लेकिन भुगतान कर दिया गया है।
करेंगे कार्रवाई
जिला पंचायत सीईओ आरपी चौहान नेबताया कि सामान्य सभा की बैठक में मुद्दा सामने आया। जनप्रतिनिधियों समन्यवक को हटाने और जांच की बात कही थी। इस दौरान केन्द्रीय टीम का लगातार बिलासपुर आना रहा। बावजूद इसके मामला उनके संज्ञान में है। प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करेंगे।