बिलासपुर—कांग्रेस के लोकसभा प्रत्य़ाशी देवेन्द्र प्रत्याशी की तरफ से लगाए गए गंभीर आरोप का जवाब जिला निर्वाचन आयोग ने दिया है। मतगणना की तैयारियों को लेकर मंथन सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में जिला निर्वाचन अधिकारी बताया ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश में चुनावी प्रक्रिया पालन किया गया है। कांग्रेस प्रत्याशी ने शिकायत दर्ज कराया है। शिकायत का जवाब दिया जाएगा। लेकिन यह बताना जरूरी है कि चुनाव में गड़बड़ी तो छोड़ें..डाउट की गुंजाइस भी नहीं है।
मतगणना तैयारियों को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी अवनीश शरण ने मंथन सभागार में पत्रकारों से रूबरू हुए। मतगणना के दौरान सुरक्षा जानकारियों को पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने साझा किया। प्रेसवार्ता में जिला उप चुनाव अधिकारी शिव कुमार बनर्जी के अलावा निगम कमिश्नर अमित कुमार गुप्ता भी मौजूद थे।
कांग्रेस प्रत्याशी देवेन्द्र यादव ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान चुनाव आयोग ने भारी गड़बड़ियां हुई है। सवाल पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि शिकायत उन्हें 28 अप्रैल को मिली है। चूंकि सारे बैलेट स्ट्रांग रूम में है। इसलिए फिलहाल बैलेट और 17C प्रारूप मिलान संभव नहीं है। हमने भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश पर पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया का पालन किया है। चुनाव में गड़बड़ी तो छोड़ें…डाउट की भी गुंजाइस नहीं है।
देवेन्द्र का आरोप है कि मॉकपोल के समय ईव्हीएम और 17C प्रारूप में दिए गए नम्बर में अन्तर है। अवनीश ने बताया कि हमने कई चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। हर चरण के बाद प्रतिनिधियों और उनके कार्यकर्ताओं को प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। कमिशनिंग या रेन्डमाइजेशन के समय मशीनों की खराबी होने पर बदला भी है। बदलाव की जानकारी प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधियों को मौके पर ही दिया गया। संभव है कि कांग्रेस प्रत्याशी को उनके प्रतिनिधियों ने जानकारी साझा नहीं किया हो। जबकि मतदान के अन्त या कमीशनिंग के दौरान जो भी हुआ..नियमानुसार प्रारूप 17 में बताया गया है। मतगणना के दौरान प्रारूप 17 से मिलान कर उनकी शिकायतों को दूर कर दिया जाएगा। हमारे पास प्रत्य़ाशियों की तरफ से जानकारियों की एक एक रीसीविंग भी है।
बिलासपुर के इतिहास में पहली बार चुनाव आयोग पर गड़बड़ी का गंभीर आरोप लगा है । क्या यह संभव है कि एक साथ 611 मशीनों में खऱाबी पैदा हो जाए। कलेक्टर ने बताया कि शायद प्रत्याशी को जानकारी नहीं है इसलिए आरोप लगा रहे हैं। मॉकपोल के समय मशीन खराब होने पर प्रत्याशी या उनके प्रतिनिधियों के सामने ही मशीनों को बदलाव किया गया है। इसकी जानकारी लिखित में दी गयी है। इसलिए आरोप बेबुनियाद है। दस डिजिट का अंक प्रारूप 17 में कम बताया गया है। चुनाव अधिकारी ने बताया कि हर बदलाव की जानकारी प्रत्याशियो के पास लिखित में है।