रायपुर. कहा जाता है कि उम्र बढ़ने के साथ हमारी याद्दाश्त कमजोर होती जाती है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि भूलने की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी लग सकती है. जरूरत से ज्यादा चिंता, तनाव और डिप्रेशन का असर व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता है. जिसकी वजह से उसकी मेमोरी कमजोर होने लगती है. एक रिसर्च में वैज्ञानिकों की टीम ने इस बात का खुलासा हुआ है कि डिप्रेशन और याददास्त का आपस में संबंध है और इस वजह से डिप्रेशन के कारण मरीजों की याददाश्त कमजोर हो सकती है.
कमजोर याददाश्त के कारण
भयावह है ऐसी स्थिति क्योंकि इससे पीछा छुड़ाना मुश्किल साबित होता है. ऐसे में हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि आखिर कौन से ग्रहीय कारण हैं, जिनकी वजह से ऐसे हालातों का सामना करना पड़ता है? आइए आज हम उन्हीं ग्रहों की चर्चा करते हैं.
किसी की कुंडली में तीसरे स्थान का स्वामी गुरु होकर अपने स्थान से छठे, आठवे या बारहवे स्थान में हो या राहु से पापाक्रांत हो या पंचम एकादश स्थान का स्वामी होकर गुरु विपरीत कारक हो जाये तो कमजोर याददाश्त की तकलीफ होती है, बचपन में इससे पढने में कम मन लगना, पढने के बाद यद् ना रख पाना, छोटी छोटी बातो को भूल जाना होता है. इसके लिए गुरु की शांति, गुरु के मन्त्रो का जाप और गुरुवार का व्रत रखना चाहिए. इसके अलावा एकादशी का व्रत करना, गुरु को आहार कराना चाहिए..
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