Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
जनजातीय वाचन में राजधानी रायपुर तीन दिन रहेगा सराबोर

रायपुर, 24 मई 2023 : आदिवासी जीवन से संबंधित वाचिक परंपरा के संरक्षण, संवर्धन और उनके अभिलेखीकरण के उददेश्य से तीन दिवसीय ‘‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’’ का आयोजन 25 मई से नवा रायपुर स्थित आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (ज्त्ज्प्) में किया जा रहा है।

मंत्री आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के मुख्य आतिथ्य और संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव के अध्यक्षता में 25 मई को ‘‘जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’’ का शुभारंभ होगा।

तीन दिवसीय यह आयोजन 25 मई से 27 मई तक चलेगा, जिसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के जनजातीय वाचकों द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा की विभिन्न विधाओं के अंतर्गत अपनी प्रस्तुति दी जाएगी। यह आयोजन आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं राज्य शासन के सहयोग से किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें:-भाजपा के सोशल मीडिया वॉरियर्स से बृजमोहन ने कहा अब वक्त है आक्रमक होने का…

जनजातीय वाचिकोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम के निर्धारित विषयानुसार प्रथम दिवस 25 मई को जनजातीय देवी-देवता एवं मड़ई मेला के संबंध में वाचिक ज्ञान, जनजातियों में प्रचलित लोक कहानियाँ, कहावतें एवं लोकोक्तियां, जनजातीय लोकगीत, उनका अभिप्राय एवं भावार्थ विषय पर जनजातीय वाचन किया जाएगा।

द्वितीय दिवस 26 मई को ‘‘जनजातीय तीज-त्यौहार एवं वाचिक परम्परा, जनजातीय जीवन संस्कार (जन्म, विवाह, मृत्यु इत्यादि) संबंधी वाचिक परम्परा एवं जनजातीय समुदाय की उत्पत्ति संबंधी धारणा एवं वाचिक परंपरा विषय पर जनजातीय वाचन किया जाएगा।

यह भी पढ़ें:-संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग 31 मई को कोरबा में लेंगे कलेक्टर्स कांफ्रेंस

अंतिम दिन 27 मई को जनजातीय समुदाय में गोत्र व्यवस्था एवं गोत्र चिन्हों की अवधारणा संबंधी वाचिक ज्ञान, जनजातियों में प्रचलित विशिष्ट परम्परा (गोदना, लाल बंगला, घोटूल, धनकूल, जगार, जात्रा, धुमकुरिया आदि) रीति-रिवाज तथा परम्परागत ज्ञान एवं विश्वास’’ विषय पर जनजातीय वाचन किया जाएगा।

विभाग के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में शामिल होने जनजातीय प्रबुद्धजन विभिन्न जिलों से रायपुर पहुंचने शुरू हो गए हैं। देर शाम तक सभी के पहुचने की संभावना है। इस संबंध में हर प्रकार की उचित व्यवस्था बनाए रखने हेतु आयुक्त सह संचालक, ज्त्ज्प् शम्मी आबिदी के निर्देश अनुसार अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाकर व्यवस्था की गई है।

इस तीन दिवसीय आयोजन के उपरांत संस्थान द्वारा जनजातीय वाचिक परंपरा के संरक्षण एवं अभिलेखीकरण के दृष्टिगत पुस्तक का प्रकाशन भी किया जाएगा, जिसमें कार्यक्रम में प्रस्तुत किए गए विषयों के साथ-साथ राज्य के अन्य जनजातीय समुदाय के व्यक्तियों से भी जनजातीय वाचिक परंपरा के क्षेत्र में प्रकाशन हेतु आलेख आमंत्रित किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि पूरा आयोजन टी.आर.टी.आई. संस्थान के नवनिर्मित भवन में ही होगा।

The post जनजातीय वाचन में राजधानी रायपुर तीन दिन रहेगा सराबोर appeared first on Clipper28.

https://clipper28.com/hi/capital-raipur-will-be-drenched-in-tribal-recitation-for-three-days/