रांची। झारखंड कैबिनेट ने राज्य कर्मियों और पेंशनरों के लिए बहुप्रतीक्षित स्वास्थ्य बीमा की योजना को मंजूरी दे दी है।
इसके तहत उन्हें और उनके आश्रितों को सामान्य बीमारियों में प्रतिवर्ष पांच लाख और गंभीर बीमारियों में 10 लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में संशोधित बीमा योजना को लागू करने सहित कुल 18 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने यह जानकारी दी।
बीमा योजना के कवरेज में शामिल होने वाले राज्यकर्मियों को प्रतिमाह मिलने वाले एक हजार रुपये में से 500 रुपये की कटौती की जाएगी। सेवानिवृत्त कर्मी इस योजना से ऐच्छिक तौर पर जुड़ सकेंगे। इसके दायरे में शामिल होने के लिए उन्हें सालाना छह हजार रुपये एकमुश्त जमा करने होंगे।
इस योजना के तहत लगभग 1.75 लाख राज्यकर्मियों और 2.25 लाख सेवानिवृत्त कर्मी लाभान्वित होंगे। इनके अलावा राज्य में रहने वाले अखिल भारतीय सेवाओं के सेवारत या सेवानिवृत्त पदाधिकारी एवं कर्मी, विधानसभा के पूर्व सदस्य, पदाधिकारी-कर्मचारी, विभिन्न बोर्ड-निगम और संस्थानों में काम करने वाले या सेवानिवृत्त कर्मी भी अपनी इच्छा के आधार पर योजना का कवरेज ले सकते हैं।
इस योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार आकस्मिकता निधि से 150 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग करेगी, जबकि 50 करोड़ रुपये बफर स्टॉक के रूप में राज्य आरोग्य सोसायटी के ट्रस्ट में रखे जाएंगे। योजना के लिए सरकार ने टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ करार किया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने इसके पहले 31 जुलाई 2023 को राज्यकर्मियों और पेंशनरों के लिए स्वास्थ्य बीमा का संकल्प जारी किया था, लेकिन तकनीकी त्रुटियों की वजह से इसका लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ था।
कैबिनेट ने राज्य के दुमका हवाई अड्डा पर संचार, नेविगेशन और सर्विलांस एवं एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सेवाओं के लिए इंडियन एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ एमओयू के ड्राफ्ट को भी मंजूरी दी है। इसके बाद रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ के तहत इस हवाई अड्डे से नियमित रूप से उड़ान सेवाएं शुरू करने की राह प्रशस्त होगी।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार, राज्य के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटलों, सदर हॉस्पिटलों, अनुमंडलीय हॉस्पिटलों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सीनियर मैनेजर, मैनेजर, फाइनेंस मैनेजर और आईटी एग्जीक्यूटिव के पद सृजित करने की स्वीकृति दी गयी है। कैबिनेट ने ज्ञानोदय योजना के तहत राज्य के मिडिल स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा के लिए 94,50,00,000 (चौरानबे करोड़ पचास लाख रुपये) की राशि मंजूर दी है।