नई दिल्ली। दिवाली का त्योहार कुछ ही दिनों में आने वाला है। यह त्यौहार पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान रिलेटिव्स गिफ्ट में कैश भी देते हैं या फिर कोई सामान के रूप में गिफ्ट दिया जाता है।
आम तौर पर जब गिफ्ट की कीमत कम होती है तो इसपर कोई टैक्स नहीं लगता।लेकिन जब महंगे गिफ्ट की बात आती है तो मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स का भुगतान करना पड़ सकता है।
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56 के तहत रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट टैक्स फ्री होते हैं। दिवाली पर किसी भी क्लोज रिलेटिव जैसे पति, पत्नी, भाई, बहन या फिर पति या पत्नी के माता-पिता, भाई बहन से मिले किसी भी टाइप के गिफ्ट की कीमत अगर 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसका मतलब है कि यदि यह गिफ्ट 50,000 रुपये से अधिक का है और आपके रिश्तेदार के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्राप्त किया गया तो इस पर टैक्स लगता है।
कब नहीं देना पड़ता टैक्स
हालांकि, रिश्तेदारों के अलावा अन्य किसी और से मिले गिफ्ट पर केवल तभी टैक्स लगता है, जब ऐसे गिफ्ट की बाजार कीमत 50,000 रुपये से ज्यादा होती है। अगर गिफ्ट की कीमत 50 हजार से कम है तो कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा, जब एक ट्रस्ट के तहत एक अचल संपत्ति का निपटारा किया जाता है, तो उसे टैक्सेसन से भी छूट मिलती है।
कब देना पड़ता है टैक्स
रिश्तेदारों के अलावा अन्य किसी से अचल संपत्ति के रूप में प्राप्त उपहार का अगर स्टांप शुल्क मूल्य 50,000 रुपये से अधिक है तो इस पर टैक्स देना होता है। इसके अलावा ऐसा संपत्ति उपहार जो अन्य व्यक्ति से कुछ राशि का भुगतान करने के बाद लिया गया हो और वह राशि उसी संपत्ति के स्टांप शुल्क मूल्य से 50,000 रुपये से अधिक की राशि से कम है तो संपत्ति के स्टांप शुल्क मूल्य और ऐसी राशि के बीच का अंतर की पर टैक्स लगेगा।
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