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दिल्ली-यूपी में शीतलहर से ठिठुरे लोग, कश्मीर-हिमाचल में बर्फबारी का दौर

उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड ने हाल बेहाल कर दिया है। कोहरा और शीतलहर की वजह से जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को भी उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान समेत अधिकतर राज्यों में रात से ही घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। वहीं, मौसम विभाग ने रविवार के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं हिमाचल के कई जिलों में रविवार को बर्फबारी के आसार हैं।

घना कोहरा रोक रहा रफ्तार
मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में रविवार को आकाश में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। सुबह में स्मॉग के साथ-साथ ज्यादातर जगहों पर मध्यम स्तर का कोहरा व कुछ जगहों पर घना कोहरा हो सकता है। अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। अगले सप्ताह पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बुधवार व बृहस्पतिवार को हल्की वर्षा हो सकती है।

बर्फबारी से कश्मीर में ठिठुरन बढ़ी
जम्मू कश्मीर में गुलमर्ग समेत घाटी के कई उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी से तापमान में गिरावट आने के साथ जनजीवन भी अस्त व्यस्त रहा। अनंतनाग-सिंथनटाप-किश्तवाड़ रोड़, बांडीपोरा-गुरेज, कुपवाड़ा-करनाह और पुंछ में मुगल रोड के अलावा कई संपर्क मार्ग यातायात के लिए बंद रहे। मौसम विभाग के अनुसार 20 से 23 जनवरी तक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते मौसम पर बिगड़ेगा। कई इलाकों में बर्फबारी व बारिश हो सकती है। तेज रफ्तार में वाहन नहीं चलाने और पहाड़ी सड़कों पर यात्रा से बचने को कहा गया है।

शीतलहर के कारण बढ़ता सकता है हार्टअटैक का खतरा
इन दिनों पूरा मालवांचल शीतलहर के आगोश में है। यह मौसम कई लोगों को लुभावना लगता है, लेकिन कम उम्र के बच्चों और अधिक उम्र के बुजुर्गों के साथ-साथ मरीजों के लिए यह मौसम जानलेवा भी बन जाता है। खासतौर पर इन दिनों हार्टअटैक के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।

कालापीपल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएल वर्मा ने बताया कि सर्दियों के मौसम में ह्रदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिसके कारण रक्त का संचार प्रभावित होता है और लोगों को हार्टअटैक से जूझना पड़ता है। आमतौर पर ह्रदय की क्रिया बंद होने पर ही व्यक्ति की मृत्यु होती है।

हमें शीतलहर से बचना चाहिए
कई बार धमनियों के सिकुड़ जाने या रक्त संचार प्रभावित होने से तेज दर्द के साथ ह्रदय को खून पहुंचाने वाली धमनियां फट जाती हैं। कई बार बगैर दर्द के होती है दिक्कत उन्होंने बताया कि मधुमेह के मरीजों में यही दिक्कत कई बार बगैर दर्द के होती है, क्योंकि दर्द का संदेश पहुंचाने वाले सूचना वाहक काम नहीं करते, जिसे साइलेंट अटैक कहा जाता है। हमें शीतलहर से बचना चाहिए।

नियमित रूप से 30 मिनट अभ्यास जरूरी
शुगर और बीपी का स्तर नियंत्रित रखना चाहिए। नियमित रूप से 30 मिनट अभ्यास जरूरी है। यदि पहले से ही कुछ लक्षण मिल रहे हैं जैसे छाती में दर्द, कंधे में दर्द, उल्टी करने की इच्छा, बेहोशी तो समय-समय पर अपना ईसीजी और कोलेस्ट्रोल जांचें।

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