परमेश्वर राजपूत@गरियाबंद। हम बात कर रहे हैं गरियाबंद जिले के विकास छुरा के ग्राम सुरूंगपानी के रहनेवाले दिव्यांग बिसाहू राम यादव की। जो बचपन से एक पैर से दिव्यांग हैं और उनके दो छोटे बच्चे एवं पत्नी है। बचपन तो मां बाप के साये गुजारी तो बिसाहू को तकलीफ पता नहीं चला लेकिन मां बाप के गुजरने के बाद बिसाहू अकेले जीवन की हर परिस्थिति को झेलने मजबूर है। इनके पास अपनी खुद की खेती बाड़ी के लिए जमीन भी नहीं है जिससे कि इसे कुछ आमदनी हो।
बिसाहू राम काम नहीं कर पाता है उनकी पत्नी के कामकाज से घर का गुजारा होता है उनके पास अतिरिक्त कुछ पैसा नहीं बच पाता है जिससे कि ओ अपने रहने के लिए घर बना पाये। वे कई वर्षों तक सरकार के आवास योजना के लाभ मिल पाने का इंतजार करते रहे लेकिन एक कच्चे कमरे में गुजारा संभव नहीं हुआ तो उनके पत्नी ने महिला समूह से कुछ ऋण लेकर दो कमरे का कच्चा मकान बनाकर ऊपर से सीमेंट की चादर लगाकार ये सोचे कि हम महिला समूह के ऋण को धीरे धीरे देते रहेंगे कम से कम रहने के लिए घर की चिंता तो दुर हो गई। किंतु अभी समूह का उधारी पुरा हुआ नहीं था कि कल रात आये तेज आंधी तूफान से घर का छप्पर उड़ गया और सभी सीमेंट की चादरें टूट फुटकर तहस नहस हो गई। जिससे दिव्यांग बिसाहू राम को बारिश में गुजारे की चिंता सताने लगी है। अच्छी बात ये रही कि छप्पर के टुटने से किसी को चोटें नहीं आई और तुरंत घर से बाहर निकल कर रात पड़ोस के घर में अपनी परिवार के साथ गुजारे।
पंचायत में सरपंच से जानकारी लेने पर बताया कि प्रधानमंत्री आवास सुची में उनका नाम तो है पर अभी अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति का आबंटन भर आया है सामान्य पिछड़ा वर्ग का आबंटन प्रशासन के द्वारा नहीं किया गया है ये आबंटन शुरू होने के बाद ही दिव्यांग बिसाहू राम को आवास योजना का लाभ मिल पायेगा, वास्तविक में उनके रहने के लिए घर सही नहीं है पर ये आबंटन हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं होने के चलते हम भी उनके लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
प्रशासन एवं सरकार को चाहिए कि ऐसे गरीब दिव्यांगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना में अलग से दिव्यांगों के लिए कोटा हो और उनका त्वरित लाभ इन्हें मिल पाये।