नई दिल्ली । 2016 में हुई नोटबंदी के दौरान लाखों-करोड़ों रुपये बैंकों में जमा कराने वाले सैकड़ों लोगों को नोटिस थमाए गए हैं। इनमें ऐसे लोग शामिल हैं, जिनका आय का श्रोत कुछ भी नहीं है। इसके बावजूद उनके खाते में लाखों रुपये जमा हुए हैं। ऐसे सभी खातों की निगरानी कई साल से इनकम टैक्स विभाग कर रहा था। फरीदाबाद में 400 से अधिक ऐसे संदिग्ध खाते आईटी डिपार्टमेंट को मिले हैं। ऐसे लोगों को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा गया है। लोगों को 31 मार्च तक जवाब देना होगा। जवाब नहीं देने पर जुर्माना लगाने के साथ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नोटबंदी के बाद से 2020 तक सैकड़ों खातों में करोड़ों रुपये जमा हुए। इन सभी खाताधारकों ने न तो इनकम टैक्स जमा किया और न ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया। अब तक की जांच में 400 से अधिक खाते सामने आए हैं, जिनमें नोटबंदी के बाद ऐसा हुआ है। आईटीआर फाइल किए बिना ही 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक जमा किए गए। इनमें कई ऐसे खाताधारक हैं, जिन्होंने 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक संपत्तियां खरीदीं और इस दौरान आयकर विभाग को जानकारी नहीं दी।
500 और एक हज़ार के नोट हुए थे जमा
2016 में पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। उसके बाद 500 और एक हज़ार के नोट का चलन बंद कर दिया गया था। जिन लोगों के पास ऐसे नोट थे, उन्हें बैंक में जमा कराने के लिए कहा गया था। ऐसे में अवैध रूप से धन अर्जित किए हुए लोगों ने बोगस खातों में पैसे जमा करा दिए थे, जिस पर IT विभाग की शुरुआत से ही नज़र थी। इन पर अब कार्रवाई करनी शुरू की गई है। सूत्रों के अनुसार शहर में बड़ी संख्या में ऐसे लोग थे, जिन्होंने मोटी रकम बैंक अधिकारियों से मिलीभगत कर खातों में जमा करा दी। उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि आयकर विभाग उन पर शिकंजा कस सकता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लोगों को काफी समय दिया गया कि वह खुद विभाग में आकर अपनी इनकम का जरिया बताएं। अब विभाग ने ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर ली है।