बिलासपुर— कोटा,रतनपुर और बेलहगना में राजस्व शिविर मे सैकड़ों किसानों की समस्यओं को एक ही जगह से राजस्व अधिकारी ने निराकरण किया। जनदर्शन कार्यक्रम में एसडीएम युगल किशोर ऊर्वाशा ने प्रभावित किसानों के बीच 15.30 लाख रूपए का मुआवजा राशि का चेक प्रदान किया। एसडीएम ने बताया कि पिछले दस साल से तखतपुर हल्का पटवारी बिना सूचना नौकरी से गायब है। छानबीन के बाद पटवारी को नोटिस किया गया है। तीन दिन के भीतर जवाब पेश नहीं होने पर पटवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
लाखों रूपया का वितरण
कोटा एसडीएम युगल किशोर उर्वशा ने जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों और किसानों की समस्याएं सुनी। 5 किसानों को भूमि अधिग्रहण का 15 लाख 30 हजार रूपए मुआवजा राशि का चेक वितरण किया। कोटा निवासी रणजीत सिंह कोटा को 3 लाख 15 हजार, मोहनलाल कोटा को 1 लाख 58 हजार दिया। इसी तरह जरगा निवासी अगतराम यादव को एक लाख 4 हजार,सैदा निवासी मनीष भोसले को 8 लाख 78 हजार और घुटकू निवासी शारदा 3 हजार रूपए मुआवजा राशि दिया। इस दौरान एसडीएम उर्वशा ने ग्रामीणों से खेती किसानी, खाद बीज की उपलब्धता की भी जानकारी ली।
शिविर में समस्याओं का निदान
कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर कोटा ब्लाक के कोटा,रतनपुर और बेलगहना तहसील के विभिन्न ग्रामों में राजस्व शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में ग्रामीण, किसानों समेत अन्य लोगों की समस्याओं का यथासंभव मौके पर ही निराकरण किया गया। एक ही जगह समस्याओं के निराकरण होने को लेकर लोगों ने खुशी जाहिर किया।
कोटा एसडीएम युगल किशोर उर्वशा ने बताया कि बेलगहना तहसील राजस्व शिविरों में 1 हजार 47 आवेदन प्राप्त हुए। 970 आवेदनों का निराकरण किया गया। कोटा तहसील अंतर्गत प्राप्त 553 आवेदनों में से 422 आवेदनों का निराकरण हुआ है। इसके अलावा रतनपुर तहसील में 422 आवेदनों में से 330 आवेदनों का निराकरण किया गया है। एसडीएम ने बताया कि लंबित आवेदनों का निराकरण एक सप्ताह के भीतर कर दिया जाएगा। समाधान शिविर में प्रमुख रूप से बंटवारा, अभिलेख सुधार, आय, जाति, निवास, त्रुटि सुधार, फौती नामांतरण, किसान किताब की प्रति, खसरे का ऑनलाईन रिकॉर्ड करना, नक्शा बटांकन, सीमांकन एवं अवैध कब्जा, आपसी जमीन विवाद संबधी मामले प्राप्त हुए।
पटवारी दस साल से नदारद
एसडीएम उर्वाशा ने बताया कि लोगों ने बताया कि तखतपुर पटवारी राजेश सिंह बिना किसी जानकारी के लंबे समय से नदारद है। मामले में छानबीन का आदेश दिया गया। पतासाजी के दौरान तथ्य सामने आया कि राजेश सिंह 4 अगस्त 2013 से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पटवारी राजेश सिंह को तीन दिवस के भीतर एसडीएम कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है। उपस्थित नहीं होने की सूरत में छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियय 7 के तहत कार्रवाई की जाएगी।