नई दिल्ली 08 जनवरी।प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी के मिश्र ने उत्तराखंड के जोशीमठ में भूमि धंसने से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्थिति को लेकर चिंतित हैं और व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री के साथ स्थिति की समीक्षा की है। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने कहा कि तत्कालिक प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को प्रभावित लोगों के साथ स्पष्ट और निरंतर संवाद बनाए रखना चाहिए। डॉक्टर पी के मिश्रा ने कहा कि स्थिति को संभालने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने बताया कि केन्द्रीय विशेषज्ञों की मदद से राज्य और जिला अधिकारियों ने जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन किया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक टीम और राज्य आपदा मोचन बल की चार टीम जोशीमठ पहुंच गयी हैं। जिला प्रशासन प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है। उनके लिए पर्याप्त खाद्य, आवास और सुरक्षा के प्रबंध किए जा रहे हैं। लघु, मध्यम और दीर्घकालीन योजना के लिए विशेषज्ञों के परामर्श मांगे गए हैं।
सीमा प्रबंधन के सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चारों सदस्य कल स्थिति का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड का दौरा करेंगे।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की और जोशीमठ में प्रभावित निवासियों के पुनर्वास और सुरक्षा के उपायों के बारे में पूछताछ की। प्रधानमंत्री ने समस्या के समाधान के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक कार्य योजना की प्रगति के बारे में भी पूछा।
प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।इस बीच श्री धामी ने जोशीमठ में भूमि धंसने के सम्बन्ध में एक समन्वय समिति का गठन करने के निर्देश दिए हैं।
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