पिछले साल बर्खास्त किए गए ट्विटर के तीन शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को ट्विटर के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। बता दें कि अक्टूबर महीने में एलन मस्क ने ट्विटर खरीदने के बाद कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) पराग अग्रवाल, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) नेड सेगल और लीगल अफेयर्स एंड पॉलिसी चीफ विजया गड्डे को कंपनी से हटा दिया था। इस मुकदमें के जरिए कंपनी से निकाले जाने के बाद की गई मुकदमेबाजी, जांच और पूर्व नौकरियों से संबंधित हुई पूछताछ के खर्चों को रीएंबर्स करने की मांग की है।
मांगा 1 मिलियन डॉलर से अधिक का हर्जाना
पराग अग्रवाल, नेड सेगल और विजया गड्डे ने इस मुकदमें के जरिए दावा किया है कि कंपनी पर उनका 1 मिलियन डॉलर (करीब 82 लाख रुपए) से अधिक बकाया है। यह पैसा ट्विटर को देना ही होगा क्योंकि ट्विटर इन पैसों के पेमेंट के लिए कानूनी रूप से बाध्य है।
जांच एजेंसियों का कर रहे सहयोग
न्यूज एजेंसी के अनुसार, कोर्ट फाइलिंग में US सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) और US डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) के द्वारा की गई पूछताछ से विभिन्न संबंधित कई खर्चों के बारे में बताया गया है। हालांकि, इसमें यह साफ नहीं किया गया है कि यह पूछताछ और जांच अभी चल रही है या पूरी हो चुकी है। कोर्ट के डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, पराग अग्रवाल और उस समय के CFO नेड सेगल ने पिछले साल यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन में गवाही दी थी और लगातार फेडरल ऑथरटीज के साथ इंगेज हो रहे हैं।
ट्विटर डील की जांच कर रहा SEC
US सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन इस बात की एलन मस्क ने ट्विटर के शेयर्स को खरीदते समय सिक्योरिटीज रूल्स का पालन किया था या फिर नहीं किया था।