बिलासपुर—प्रदेश लिपिक संघ नेता रोहित तिवारी ने बलौदा बाजार कलेक्टर कार्यालय में आगजनी की घटना के लिए जिला और पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार बताया है। प्रेस नोट जारी कर रोहित तिवारी ने बताया कि घटना में ना केवल लिपिकों बल्कि कलेक्टर में काम करने वाले अधिकारियों की गाड़ियां को जलाया गया। लिपिक नेता ने कर्मचारियो की सुरक्षा और क्षतिपूर्ति मुवाबजे की मांग की है।
लिपिक संघ प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने प्रेस नोट जारी कर बलौदा बाजार में आगजनी की घटना के लिए जिला और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। रोहित ने बताया कि घटना में कर्मचारियों के वाहन आग में जलकर भस्म हो गए। घटना के बाद कलेक्ट्रेट के कर्मचारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। विभाग के कर्मचारी भय में हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ ने बताया कि कलेक्टर कर्यालय में आगजनी और पथराव की घटना के लिए सीधे तौर पर जिला प्रशासन की उदासीनता सामने आयी है। रोहित ने कहा कि बलौदा बाजार जिले में पूर्व इस तरह की घटना पहले भी छुटपुट रूप में आ चुकी हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन ने बड़े आंदोलन को बहुत ही हल्के में लिया। जबकि जिला और पुलिस प्रशासन को इसकी पहले से ही जानकारी थी। जबकि गुप्तचर संस्थाएं भी प्रशसन के लिए काम करती हैं। लेकिन किसी ने सूचनाओं को गंभीरता से नहीं लिया गया।
नाराज लोगों ने कर्मचारियों के वाहनों को भी निशाना बनाया। शासन से मांग की है कि कर्मचारियो और अधिकारियों को सुरक्षा देने के साथ ही जली गाड़ियों का मुआवजा भी जाए। रोहित ने कहा कि वर्तमान घटना की पुनरावृत्ति ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों और अधिकारियों की जान माल की सुरक्षा दी जाए। ताकि कर्मचारी सुरक्षित वातावरण में भय मुक्त हो कर शासकीय कार्य को पूरा कर सकें।
रोहित ने बताया कि घटना का मूल कारण धार्मिक और पवित्र स्थल जैतखाम को क्षति पहुंचाने से जुड़ा है। इसलिए लोगों की आस्था और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच हो। घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उदसीनता बरतने वाले दोषी अधिकारियों को सजा मिले।