मनीष सरवैया@महासमुंद। नगर पालिका परिषद द्वारा शहर के फुटकर व्यवसायियों को व्यवसाय करने दी जा रही दुकान का मामला एक बार फिर खटाई में पड़ती नजर आ रही है। राजस्व की जमीन पर बन रहे फुटकर व्यापारियों के लिए दुकानों पर शहर के कुछ लोगों ने यह कहते हुए शिकायत की है कि राजस्व की जमीन पर नगर पालिका द्वारा फुटकर व्यापारियों से हजारों रुपए लेकर गैर कानूनी तरीके से दुकान का निर्माण कराया जा रहा है। जिस जगह पर नगर पालिका द्वारा दुकान का निर्माण कराया जा रहा है। वह जमीन राजस्व की जमीन है और राजस्व ने नगर पालिका को यह जमीन हस्तांतरित नहीं किया है। लिहाजा नगर पालिका द्वारा बनाई गई दुकाने गैर कानूनी है।
महासमुंद शहर के नेशनल हाईवे 353 के किनारे दुकान लगाकर अपना रोजी रोटी कमाने वाले फुटकर व्यापारियों को नगर पालिका ने दुकान देने की बात कहते हुए सड़क किनारे से दुकानें उठवा दी है। फुटकर व्यापारियों से दुकान देने की एवज में 70 से 80 हजार रुपए लिए जाने की बात भी सामने आई है। स्थानीय टाउन हॉल के सामने नगर पालिका ने ठेकेदार के माध्यम से 8 गुणा 8 की दुकानें तैयार भी करा दी है। दुकान के तैयार हो जाने के बाद शहर के कुछ लोगों ने जिला कलेक्टर से मिलकर राजस्व की जमीन पर अतिक्रमण करने की शिकायत की है।