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बदहाल हैं छोटे कर्ज देने वाली माइक्रो फाइनेंस कंपनियां, क्या बजट में मिलेगी राहत?

सरकार यह मानती है कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग को वित्तीय राहत पहुंचाने के लिए MFI का होना जरूरी है। हाल ही में आरबीआई की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि MFI की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण MFI को राहत पहुंचाने के लिए बजट में कुछ अहम फैसले ले सकती हैं।

इस बात की पूरी उम्मीद है कि आगामी बजट में माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI) की सुनी जाएगी। ऐसा नहीं होता तो जब बजट को लेकर विभिन्न उद्योग वर्गों से विमर्श खत्म हो चुका है तब वित्त मंत्रालय ने MFI को अलग से बैठक के लिए बुलाया गया है। इस बात के संकेत है कि एमएफआई के प्रसार को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक विशेष फंड बनाने की घोषणा की जा सकती है। खास तौर पर छोटे व मझोले MFI को इस विशेष फंड से फायदा पहुंचाने की कोशिश होगी।

सरकार यह मानती है कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग को वित्तीय राहत पहुंचाने के लिए MFI का होना जरूरी है। हाल ही में आरबीआई की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि MFI की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। अप्रैल, 2024 के मुकाबले सितंबर, 2024 में MFI से कर्ज वूसली में होने वाली दिक्कतें दोगुनी बढ़ गई हैं जो बता रहा है कि MFI से जो लोग कर्ज लेते हैं उनकी वित्तीय स्थिति तनावपूर्ण है।

किन लोगों को कर्ज देते हैं MFI
MFI उन लोगों को बैंकिंग सेवा देते हैं जिनको आसानी से बैंकों व एनबीएफसी से कर्ज नहीं मिल पाता। यह कर्ज की राशि कम होती है लेकिन ब्याज की दर 22-30 फीसद के बीच होती है। वर्ष 2023-24 में इनकी तरफ से वितरित कर्ज में 24.5 फीसद की वृद्धि हो कर 4.3 लाख करोड़ रुपये हो गई। लेकिन चालू वित्त वर्ष में इनकी तरफ से वितरित कर्ज की राशि में सिर्फ चार फीसद की वृद्धि होने की बात कही जा रही है।

कर्ज की रफ्तार कम होने से इस सेक्टर पर काफी दबाव है। इसके पीछे कई वजहें हैं। एक वजह तो आरबीआई के नये नियम हैं जिसमें एक व्यक्ति कितने MFI से कर्ज ले सकता है। आरबीआई ने स्वयं अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है कि MFI के तहत जो खाते चलाते जा रहे हैं उनमें कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। पिछले चार वर्षों में चार या इससे ज्यादा MFI से कर्ज वालों का हिस्सा कुल MFI खाते में 3.6 फीसद से बढ़ कर 5.8 फीसद हो गया है।

MFI को किस तरह की राहत मिलेगी?
वैसे कई मुद्दे हैं जिस पर MFI को उम्मीद है कि वित्त मंत्री आगामी बजट में दो टूक फैसला करेंगी। इसमें एक मुद्दा है MFI के तहत कर्ज लेने के लिए अधिकतम वार्षिक आय की सीमा को बढ़ाना। यह सीमा अभी तीन लाख रुपये है और MFIकी तरफ से कहा जा रहा है कि इसे कम से कम पांच लाख रुपये कर देना चाहिए।

इस बारे में वित्त मंत्रालय को एक मेमोरेंडम भेजा गया है। वित्त मंत्री से सकारात्मक कदम की इसलिए भी उम्मीद है कि एमएफआइ ग्रामीण मांग को बढ़ाने के साथ ही रोजगार के अवसर देने में भी अहम भूमिका निभाती हैं।

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