दंतेश्वर कुमार@बीजापुर। बस्तर में माओवादीयों से लड़ने औऱ इलाके के ग्रामीणों शांति के औऱ निर्भीक होकर रहने के लिए सीआरपीएफ के बलों को भी तैनात किया गया. ताकि बीजापुर जिला नक्सली मुक्त जिला बने. बलों के अफसरों के पास यहां रणनीति बनाने और एंटी नक्सल गतिविधि कम कर करने की जिम्मेदारी रहती है. लेकिन एक अफसर ने अपने पद की गरिमा को तार-तार करते हुए अन्य अफसरों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.आज इंद्रावती टायगर फारेस्ट के डीएफओ नें प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शिकारियों से बाघ की खाल वाले मामले में 13 लोगो को गिरफ्तार किया गया है ।जिसमे औऱ भी 13 नाम सामने आया है। सीआरपीएफ के एक अधिकारी का नाम भी सामने आया है, लेकिन वे अभी कब्जे में नहीं आये। बहुत जल्दी उन्हें भी गिरफ्तार किया जायेगा। कार्यवाही की प्रकिया जारी हैं.i
शिकारियों के पकड़े जाने पर भेद खुला। जबकि अफसर अभी फरार है। हम आपको बता दे कि बस्तर संभाग के जंगल के एक बड़े हिस्से में इंद्रावती टाइगर रिजर्व है, जिसकी बड़ी सीमा महाराष्ट्र से लगती है. शिकारियों को इससे शिकार करने और भागने में आसानी होती है. यही वजह है कि बाघों के शिकार की शिकायतें अक्सर सामने आती हैं और कई बार पकड़े भी जाते हैं. इन वन अपराधियों का काम ही गैरकानूनी तरीके से वन्यजीवों का शिकार करना है. लेकिन, इस बार सीआरपीएफ के एक अफसर का नाम भी इन शिकारियों से सौदा करने वाले के रूप में जुड़ गया है.