बिलासपुर-छत्तीसगढ़ में नगरीय ठोस अपशिष्ट के निपटारे को लेकर बड़ा कदम उठाया जा रहा है. बिलासपुर समेत पांच और नगर निगम में कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्र (सीबीजी) स्थापित किया जाएगा।
बिलासपुर में इस संयंत्र की स्थापना के लिए भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड लगभग 60 करोड़ रूपए का निवेश करेगा.शुक्रवार को सीएम आवास में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरूण साव की मौजूदगी मेंबीपीसीएल के साथ प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार ने भी परियोजना को पूरा करने में हर संभव सहयोग का भरोसा दिया है। इस अवसर पर बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार विशेष तौर पर उपस्थित रहें।
इन संयंत्रों की स्थापना के लिए बीपीसीएल और गेल के द्वारा 600 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
जिसके तहत बिलासपुर सहित कोरबा, अम्बिकापुर,राजनांदगांव, धमतरी और रायगढ़ में नगरीय ठोस अपशिष्ट से बायोगैस के उत्पादन के लिए कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना की जाएगी। जिसके लिए गैस अथॉरिटी आफ इंडिया लिमिटेड (गेल) भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) के बीच मध्य त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया.
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह , सचिव पी.दयानंद,नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव एस.बसवराजू,बिलासपुर निगम कमिश्नर अमित कुमार और बीपीसीएल,गेल और सीबीडीए के अधिकारी उपस्थित रहें।
बिलासपुर में कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना कछार में 10 एकड़ जमीन पर किया जाएगा.यहां नगर निगम द्वारा पूर्व से ही आरडीएफ प्लांट स्थापित किया गया है। इस भूमि पर संयंत्र स्थापित किए जाने हेतु पूर्व मेंभारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड / गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड और छत्तीसगढ़ बायोफ्यलू डेवलपमेंट ऑथोरिटी (सीबीडीए) के अधिकारियों द्वारा प्राथमिक सर्वे किया गया है। कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) से प्रतिदिन 70 मीट्रिक टन का बायोगैस का उत्पादन होगा.इसके लिए प्रतिदिन 350 मीट्रिक टन नगरीय ठोस अपशिष्ट और लगभग 500 मीट्रिक टन अधिशेष बायोमास का उपयोग सीबीजी उत्पादन के लिए किया जाएगा।
राज्य में अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से इस संयंत्र की स्थापना से प्रतिवर्ष लगभग 2 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित होगा। इसके साथ ही राज्य में जैविक खेती को इन संयंत्रों में सह उत्पाद के रूप में निर्मित होने वाली जैविक खाद से प्रोत्साहन मिलेगा। जिससे ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण स्वच्छ होगा। इसके अलावा सीबीजी संयंत्रों के पूर्ण क्षमता के साथ उत्पादन और विक्रय से प्रतिवर्ष 6 करोड़ रूपए जीएसटी के रूप में प्राप्त होगा।
क्य है कम्प्रेस्ड बायो गैस?
कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी), एनारोबिक सड़व की प्रक्रिया के माध्यम से अपशिष्ट जैसे कृषि अवशेष, मवेशी गोबर, गन्ना निचोड़ से प्राप्त अवशेष, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, सीवेज उपचार संयंत्र अपशिष्ट आदि से बनाई जाती है. शुद्धिकरण के बाद इसे संपीड़ित किया जाता है. इसे कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) कहा जाता है, जिसमें मीथेन की उच्च मात्र होती है. इसके अलावा, कन्प्रेस्ड बायो गैस उपलब्ध प्राकृतिक गैस के समान है. जो सीएनजी के समान वैकल्पिक मोटर वाहन ईंधन को रूप में उपयोग किया जा सकता है. देश में बायोगैस की खपत को देखते हुए सीबीजी आने वाले सालों में ऑटोमोबाइल, औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोगों में सीएनजी का स्थान लेने की क्षमता रखती है।