टीआरपी डेस्क। महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग पर संदेह जताया है। वहीं कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दल जेपीसी की जांच की मांग कर रहे हैं। इस मामले में खड़गे सभी विपक्षी दलों को एक करने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अदाणी समूह पर पवार के विभिन्न मत पर पर्दा डालने और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए एकजुट विपक्ष का चेहरा पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पवार ने कहा, “मुझे लगता है कि जेपीसी के बजाय, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त आयोग अधिक विश्वसनीय और स्वतंत्र है।”
इन सभी घटनाक्रमों के बीच विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए पहला कदम उठाते हुए खड़गे ने हाल ही में डीएमके के एम.के. सहित विभिन्न समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं को फोन किया था। स्टालिन, जद (यू) के नीतीश कुमार और शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे अगले महीने दिल्ली में शरद पवार के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान वे आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए रणनीतियां तैयार करेंगे।
खड़गे ने यह भी कहा कि विपक्षी दल का नेतृत्व चाहे कोई भी करें लेकिन सभी पार्टियों में इसके लिए कोई विवाद नहीं होना चाहिए। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि समय आने पर नेतृत्व का मुद्दा उठेगा। यह एक सामूहिक फैसला होगा। हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे क्योंकि लोग मोदी सरकार की नीतियों से तंग आ चुके हैं।
खड़गे ने कहा, “गांधी परिवार पिछले कई सालों से लोगों के मुद्दों पर आंदोलन कर रहा है, जबकि अन्य केवल आनंद ले रहे हैं।” उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में उठाए जाने वाले सभी मुद्दों पर उचित समय पर चर्चा की जाएगी। इस बीच, बीआरएस नेता और राज्यसभा सांसद के. केशव राव ने कहा कि हालांकि उनकी पार्टी राजनीतिक रूप से कांग्रेस से दूर रही है। लेकिन कुछ मुद्दों पर वह मुख्य विपक्षी दल के साथ है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि वह इंतजार कर रहे हैं कि कांग्रेस विपक्ष को साथ लाने की पहल करे। पवार के यह कहने पर कि अडानी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच ही काफी है, कांग्रेस ने तुरंत जवाब दिया कि यह उनकी निजी राय है और पूरा विपक्ष जेपीसी चाहता है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “राकांपा के अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन 19 समान विचारधारा वाले विपक्षी दल जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अदानी समूह के खिलाफ जांच पर सभी के अपने-अपने राय होने के बावजूद भी विपक्ष एकजुट है और संविधान और हमारे लोकतंत्र को भाजपा के हमलों से बचाने और भाजपा के विभाजनकारी और विनाशकारी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडे को हराने में एक साथ रहना होगा।
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