रायपुर. छत्तीसगढ़ में कोरोना से चार और मौतें हुई हैं. चारों मरीज दूसरे बीमारियों से भी पीड़ित थे. इस तरह महीनेभर में मरने वालों की संख्या अब 15 हो गई है. चौंकाने वाली बात यह है कि एक ही दिन में 531 नए केस सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने आज ही समीक्षा बैठक के बाद कहा था कि कोरोना से मौत के जो मामले सामने आए हैं, वे देर से हॉस्पिटल पहुंचे और एडमिट होने के दो से तीन दिन बाद मौत हो गई.
राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या अब 2484 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक प्रदेश की औसत पॉजिटिविटी रेट 8.53 प्रतिशत है. आज 6223 टेस्ट किए गए हैं. इनमें से 531 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. सबसे ज्यादा 54 केस रायपुर के हैं. इसके साथ अब रायपुर में मरीजों की संख्या बढ़कर 294 हो गई है. इसी तरह दुर्ग में 204 और राजनांदगांव में 200 मरीज हो गए हैं. आज जो चार मौतें हुई हैं, उनमें एक रायपुर से, दूसरा महासमुंद, तीसरा सरगुजा और चौथा व्यक्ति कांकेर से है.
स्वास्थ्य मंत्री ने 10 हजार टेस्ट का लक्ष्य दिया
छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मंगलवार को अपने निवास पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली. उन्होंने हर दिन 10 हजार टेस्ट करने का लक्ष्य दिया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना के लक्षण वाले लोगों में पुष्टि के लिए ज्यादा से ज्यादा आरटीपीसीआर टेस्ट पर जोर दिया है. स्वास्थ्य मंत्री ने महीनेभर में हुई मौतों की भी समीक्षा की. अधिकारियों ने बताया कि 17 मार्च से 17 अप्रैल के बीच 11 मौतें हुई हैं. इनमें आठ को-मॉर्बिडिटी और 5 की मौत कोरोना से हुई है. 11 में से चार मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने टीका नहीं लगाया था.
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने अधिकारियों को अलर्ट रहते हुए कोरोना की जांच, इलाज, इससे बचाव और नियंत्रण के लिए सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने कहा. उन्होंने कोविड-19 के लक्षण वाले लोगों में इसकी पुष्टि के लिए ज्यादा से ज्यादा जांच आरटीपीसीआर टेस्ट के माध्यम से कराए जाने के साथ ही मेडिकल उपकरणों, ऑक्सीजन किट, वैक्सीन, दवाइयों की समुचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए.
सिंहदेव ने कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सैंपल जांच में तेजी लाते हुए रोजाना दस हजार टेस्ट करने के निर्देश दिए. उन्होंने अस्पतालों में जीवनरक्षक उपकरणों के संचालन और कोविड-19 के उपचार से जुड़े मानव संसाधन का प्रशिक्षण भी शुरू करने को कहा. अस्पतालों में सामान्य बिस्तरों के साथ ही आईसीयू बेड, एचडीयू बेड तथा ऑक्सीजन सुविधा एवं वेंटिलेटर सुविधा वाले बिस्तरों की जानकारी ली. उन्होंने अस्पतालों में सर्जिकल मास्क, पीपीई किट, कैप्स, ग्लोव्स एवं एन-95 मास्क की उपलब्धता के बारे में भी पूछा.
स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कहा कि कोरोना संक्रमित 95 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में ही उपचार से अभी स्वस्थ हो जा रहे हैं, लेकिन देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रहे संक्रमण दर को देखते हुए अस्पतालों में भी इसके इलाज और नियंत्रण की तैयारी रखनी होगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि प्रदेश में रोजाना सैंपलों की जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है. विगत 11 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच प्रतिदिन औसत 3763 टेस्ट किए गए हैं, जबकि मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में प्रतिदिन औसत 1008 टेस्ट किए जा रहे हैं.
बैठक में स्वास्थ्य सचिव प्रसन्ना आर., आयुक्त डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपन, चिकित्सा शिक्षा विभाग की आयुक्त नम्रता गांधी, संचालक डॉ. विष्णु दत्त, महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा, सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक चंद्रकांत वर्मा, पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया, डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. एसबीएस नेताम, डॉ. ओपी सुंदरानी और स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. धर्मेन्द्र गहवई भी मौजूद थे.