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महादेव-रेड्डी सट्टा एप : पैसों के झाड़ की एक छोटी डाल दुर्ग पुलिस ने तोड़ी
महादेव-रेड्डी सट्टा एप : पैसों के झाड़ की एक छोटी डाल दुर्ग पुलिस ने तोड़ी

विशेष संवादाता, रायपुर

महादेव और रेड्डी ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिये सट्टा खिलने वाले 9 आरोपियों की निशानदेही और मिले दस्तावेज के आधार पर कुल 40 बैंक खातों की जांच दुर्ग जिला पुलिस कर रही है। इनमें से अब तक 6 खातों में 1 करोड़ 3 लाख रूपये फ्रीज किए गए हैं,शेष 34 खातों की जांच अभी हो रही है। एसपी डॉ अभिषेक पल्लव के मुताबिक मात्र 6 खातों से ही इतनी रकम होने की जानकारी मिली जिसे तत्काल बैंक को सूचित कर फ्रीज किया गया है। इससे पूर्व भी महादेव ऐप पर कार्रवाई के दौरान 1 करोड़ से अधिक रकम जिला पुलिस सीज़ कर जांच में ले चुकी है। मंगलवार को जांच में एक खाते से 84 लाख फ्रीज किये जाने की खबर है। बताते हैं कि मैच के हर गेंद पर सट्टा लगता है। दुर्ग पुलिस ने अब तक इस िंलिने सट्टा से जुड़े 7 लोगों के खिलाफ लुकऑउट नोटिस भी जारी किया है। बता दें कि जो सख्त कार्रवाई अब पुलिस कर रही है उसके सक्रिय होने से पहले ही ऐप के मुख्य संचालक और पार्टनर कब दुबई में जा बैठे पुलिस के नेटवर्क को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। हालांकि दुर्ग पुलिस और रायपुर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई व ईडी के सक्रिय होने से काफी उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस अवैध कारोबार से छत्तीसगढ़ को बचाने संजीदा हैं।

ऐसा खेल, मैच ख़त्म होते ही ग्रुप डिलीट से दिक्कत

महादेव और रेडी अन्ना ऑनलाइन बेटिंग के लिए व्हाट्सएप, टेलीग्राम एप्लीकेशन और वेबसाइट के माध्यम से इंटरनेट प्लेटफार्म पर लिंक प्रोवाइड कर ग्रुप एडमिन पैनल बेटिंग सुविधा उपलब्ध करा रहा है। पुलिस की नजर से बचने के लिए टेलीग्राम पर सट्टा खिलाने वाली ऐप की लिंक भेजी जाती और लिंक सोर्स सर्चिंग के दौरान मैच खत्म होते ही ग्रुप डिलिट कर दिया जाता है।

मूवेबल क्राइम से एक्शन मुश्किल पर असंभव नहीं- एसपी

एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के अनुसार इसमें ऐप बनाने वाला, ऐप का संचालक, डिपॉजिट ले रहे लोग, पैसा लेकर बाद में वापस करने वाली एजेंसी, पैनल खरीददार, आईडी देने वाले, आईडी लेने लोगों को तैयार करने वाली कन्वेसिंग टीम, आईडी ले बेटिंग करने वाले, आनलाईन रूपये लेने और पेमेंट देने मल्टीपल एकाउंट के लिए अलग कन्वेंसिग टीम, खाताधारक अलग और अलग अलग आपरेटिंग टीम, दीगर राज्यों में कंट्रोल सेंटर पर विभागीय साइबर टीम की वेब मॉनिटरिंग और नेचर आफ क्राईम मूवेबल होने से फिजिकल टीम को पहुंच कर कार्रवाई करना काफी मुश्किल जरूर है लेकिन असंभव नहीं। सीमित संसाधनों और फोर्स के बीच सामंजस्य बनाते हुए हम लगातार अभियान चला रहे हैं। मक़सद इस नेटवर्क को सामाजिक तौर पर सामने लाना और ब्रांचेज तोड़ कर रूट खत्म करना है।

https://theruralpress.in/2022/10/04/mahadev-reddy-satta-app-a-small-branch-of-money-tree-was-broken-by-the-fort-police/