भूपेश सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को एक और बड़ी सौगात देते हुए सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष की गई। साथ ही सहायिकाओं के दस वर्ष के अनुभव को पांच साल किया गया है और कार्यकर्ताओं के पचास प्रतिशत रिक्त पदों पर आंगनबाड़ी सहायिकाओं की भर्ती होगी। सरकार के इस फैसले से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं में हर्ष व्याप्त है। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने भूपेश सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे प्रदेश की 51 हजार कार्यकर्ता और 46 हजार सहायिकाओं को लाभ मिलेगा।
संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि भूपेश सरकार की प्रभावी नीतियों और उनके क्रियान्वयन के कारण ही छत्तीसगढ़ में सभी वर्ग के लोग खुश हैं। सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को एक और बड़ी सौगात देते हुए सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष की गई है। वहीं सहायिकाओं के दस वर्ष के अनुभव को पांच साल किया गया है और कार्यकर्ताओं के पचास प्रतिशत रिक्त पदों पर आंगनबाडत्री सहायिकाओं की भर्ती होगी। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं में हर्ष व्याप्त है। संसदीय सचिव व विधायक चंद्राकर ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार ने महिलाओं तथा बच्चों के पोषण एवं टीकाकरण अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने वाली आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए एक के बाद एक, दूसरी सौगात दी है। इससे पहले राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में इजाफा किया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मासिक मानदेय की राशि 6500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 10 हजार रुपये की गई है।
इसी तरह आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 3250 रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4500 रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। वहीं छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की प्रदेश उपाध्यक्ष सुधा रात्रे और जिला अध्यक्ष सुलेखा शर्मा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व संसदीय सचिव व विधायक चंद्राकर का आभार जताया है।
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