एनपीजी डेस्क। सेक्स का आनंद नही ले पाने पर गैंगरेप के आरोपी ने मध्यप्रदेश सरकार पर दस हजार करोड़ हर्जाने का केस किया। रतलाम का रहने वाला 35 वर्षीय युवक गैंगरेप के आरोप में लगभग दो साल जेल में रहा था। फिर अदालत ने उसे दोषमुक्त कर दिया। जिसके बाद उसने जेल में रहने की अवधि दौरान सेक्स नही कर पाने के चलते जिला एवं सत्र न्यायालय में केस दर्ज कर राज्य शासन से मुआवजे की मांग की है। जिस पर अदालत ने दस जनवरी को सुनवाई का समय मुकर्रर किया है।
रतलाम निवासी 35 वर्षीय आदिवासी युवक कांतिलाल भील उर्फ कंतु को पुलिस ने गैंगरेप के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। युवक के खिलाफ एक महिला ने एफआईआर दर्ज करवाई थी कि जब मै 18 जनवरी 2018 को अपने भाई के घर जा रही थी तब रास्ते मे उसे कांतिलाल भील उर्फ कंतु ने छोड़ देने का झांसा देकर बाइक में बैठा लिया फिर जंगल ले जाकर अपने साथी के साथ रेप कर दिया। पुलिस ने मामले में गैंगरेप का केस दर्ज कर कांतिलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कांतिलाल 666 दिन जेल में रहा फिर मामले में दोषमुक्त होकर बरी हो गया। जेल से छूटने के बाद कांतिलाल ने वकील विजय सिंह यादव के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायालय रतलाम में सरकार के खिलाफ केस कर सेक्स नही कर पाने के चलते कुल दस हजार छै करोड़ रुपये मुआवजा मांगा हैं।
कांतिलाल का कहना है कि सेक्स का आनंद मनुष्य को भगवान की ओर से दिया गया अमूल्य उपहार है। और राज्य शासन तथा पुलिस की गलती से वह 666 दिन जेल में रहा। झूठे मामलें में जेल में रहने के चलते वह सेक्स का आनंद नही ले पाया। झूठे आरोप में जेल जाने पर उसकी दुनिया पूरी तरह बदल गई। उसे बीवी-बच्चों और बूढ़ी मां को कमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उसके परिवार के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि अंडरगारमेंट्स खरीद सके। जेल में बिना कपड़ों के उसे सर्दी और गर्मी का सामना करना पड़ा। युवक के अनुसार जेल में चर्म रोग से लेकर तमाम रोग फैले है। जेल में रहने पर वह अपनी पत्नी लीला बुजुर्ग मां मीरा और तीन बच्चों का पालन पोषण नही कर सका। पहले उसे तीन साल तक पुलिस ने परेशान किया फिर वह दो साल जेल में रहा। उसके परिवार ने भी उसके जेल जाने के चलते बहुत यातनाएं सही। जेल से छूट कर भी वह अपने परिवार के लिए राशन की व्यवस्था तक नही कर पा रहा है। अब उसे बच्चों की पढ़ाई लिखाई करने, समाज मे वापस जाने व रोजी रोटी कमाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।युवक के अनुसार वह मां भगवती की कृपा से जेल से छूटा है। वकील को फीस देने के लिए उसके पास पैसे नही थे। मां भगवती की कृपा से उसे एक वकील ने बिना फीस लिए केस लड़ कर छुड़वाया है।
कांतिलाल के अनुसार वह अब जेल में बिताए हर दिन का हिसाब चाहता है। उसने कारोबार में हुए नुकसान ,मानहानि, शारीरिक व मानसिक कष्ट, परिवार को हुए नुकसान के लिए एक एक करोड़ रुपये तो वही मुकदमे में खर्च के लिए दो लाख रुपये मुआवजा मांगा है। कांतिलाल के वकील विजय सिंह यादव ने बताया कि मानव जीवन का कोई मूल्य तय नहीं किया जा सकता है। पुलिस और राज्य सरकार की वजह से उसका जीवन बर्बाद हो गया। उसे बेगुनाह होने के बावजूद 2 साल तक जेल की प्रताड़ना सहनी पड़ी। इसलिए उसने राज्य शासन और पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध क्षतिपूर्ति का दावा जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया है। जहां दस जनवरी को केस की सुनवाई तय की गई है।