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वायु प्रदूषण के कारण कोलेस्ट्रॉल और ‘साइलेंट किलर’ का खतरा, जानिए कैसे करें बचाव

Heart Disease: सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अश्वनी मेहता, खासकर त्योहारी सीजन में हृदय की नियमित जांच और चिकित्सकीय मार्गदर्शन के महत्व पर जोर देते हैं। डॉ. अश्वनी का कहना है ‘मैंने कई मरीजों का, विशेषकर त्योहारी सीजन के दौरान या उसके बाद में कोलेस्ट्रॉल बढ़ते हुए देखा है…

दिल्ली के वायु प्रदूषण के बीच ही त्योहारों का मौसम है। दीपावली की तैयारी हो रही है। हालांकि दिल्ली में प्रदूषण रूपी कोहरा छाया हुआ है। इसे शरीर के लिए अत्यंत घातक बताया जाता है। त्योहारी सीजन में अति-उत्साह के कारण गरिष्ठ चीजें खा लेना स्वाभाविक है। लोग, इस सीजन में तोहफों का आदान-प्रदान करते हैं। इस सीजन में सबसे कीमती तोहफा ‘स्वस्थ हृदय का तोहफा’ है। स्वस्थ हृदय न केवल लंबे जीवन का वादा करता है, बल्कि हर उस पल को जीने की क्षमता भी देता है, जो आप अपने प्रियजनों के साथ बिताते हैं। त्योहारी सीजन में ‘बुरे कोलेस्ट्रॉल’ व ‘साइलेंट किलर’ का खतरा बना रहता है। कुछ सावधानियों के जरिए हृदय रोग से बचाव किया जा सकता है।

10 में से 6 भारतीयों को एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल-सी) की समस्या रहती है, जिसे देखते हुए आपके हृदय की सेहत सबसे महत्वपूर्ण हो जाती है, खासकर त्योहारों के मौके पर। एलडीएल-सी को अकसर ‘बैड कोलेस्ट्रॉल’ कहा जाता है और उसके उच्च स्तर से अवरोध और हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है। हृदय के दूसरे रोगों के विपरीत, कोलेस्ट्रॉल कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखाता है, इसलिए इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। त्योहारी सीजन में खाद्य-पदार्थों के प्रति सचेत रहना जरूरी है। छुट्टियों के दिनों में खाई जाने वाली कई चीजों में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स की भारी मात्रा होती है, जिसे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में हृदय रोग होने का जोखिम बढ़ सकता है। दिल की देखभाल करते हुए उसकी सेहत को बनाए रखने के मकसद से समय-समय पर जांच करानी चाहिये। छोटे अंतराल पर कार्डियोलॉजिस्ट के साथ नियमित रूप से चर्चा करनी चाहिये।

सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अश्वनी मेहता, खासकर त्योहारी सीजन में हृदय की नियमित जांच और चिकित्सकीय मार्गदर्शन के महत्व पर जोर देते हैं। डॉ. अश्वनी का कहना है ‘मैंने कई मरीजों का, विशेषकर त्योहारी सीजन के दौरान या उसके बाद में कोलेस्ट्रॉल बढ़ते हुए देखा है। एलडीएल-सी कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने से लोग प्रभावित होते हैं। त्योहारों में उसकी निगरानी में चूक हो जाना आम बात है। हालांकि यही समय होता है, जब आपको उस पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिये। चिकित्सकीय सलाह पर चलना और अपनी सेहत की जानकारी रखना जरुरी है, ताकि आप कोलेस्ट्रॉल को काबू में रख सकें।

त्योहारी सीजन में कोलेस्ट्रॉल पर यूं रखें नियंत्रण

खुद को शिक्षित करें और व्यावहारिक लक्ष्य रखें:

अच्छे (एचडीएल) और बुरे (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल के बीच अंतर को समझें और जानें कि आहारीय पसंद से कोलेस्ट्रॉल के लेवल कैसे प्रभावित होते हैं। इस जानकारी से आप सूचित फैसले करने के लिये सशक्त होंगे। एलडीएल-सी को काबू में रखने से जीवन की घटनाओं में आपकी मौजूदगी बढ़ेगी और अपने प्रियजनों के साथ आप जो पल बिताते हैं, उनकी गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

अपने कार्डियोलॉजिस्ट से बात करें:

त्यौहारों के सीजन में कार्डियोलॉजिस्ट से सलाह करना ज्यादा जरूरी हो जाता है। एलडीएल-सी के लेवल्स को प्रभावी तरीके से काबू में रखने के लिये वे भरोसेमंद मार्गदर्शक होते हैं। यह सुनिश्चित करते हैं कि आप जश्न का पूरा मजा ले सकें। वे आपके स्वास्थ्य की विशेष आवश्यकताओं के आधार पर तैयार व्यक्तिपरक सलाह और उपचार दे सकते हैं, ताकि आप आत्मविश्वास और मानसिक शांति के साथ त्यौहारों का आनंद लें।

अपने आहार पर नजर रखें और संतुलित भोजन लें

त्यौहारों के बीच अपने आहार पर नजर रखने और संतुलित भोजन लेने का अतिरिक्त महत्व होता है। हम गरिष्ठ भोजन, जैसे कि छोले-भटूरे और मसालेदार करी आदि खाने का मन करता है, लेकिन उनका दिल पर बड़ा असर हो सकता है। इससे डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसे रोग पैदा होने या बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिये, अपने खान-पान पर सचेत होकर ध्यान देने से आपको दिल के लिये सही विकल्प लेने की जानकारी मिलेगी।

तनाव के बजाए नींद को चुनें

बतौर डॉ. अश्वनी मेहता, हम भारतीयों को त्योहार काफी पसंद होते हैं। हम सभी आयोजनों के लिये सबसे बढ़िया व्यवस्था चाहते हैं, लेकिन इस भाग-दौड़ के बीच अच्छी नींद भी महत्वपूर्ण है। तनाव बढ़ने से हृदय पर भारी दबाव पड़ सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। एलडीएल-सी को सेहतमंद खान-पान और दिल के लिये अच्छे विकल्पों के सहारे नियंत्रित रखना वह सबसे सार्थक तोहफा है, जो आप खुद को दे सकते हैं। यह सेहत, खुशी और यादगार जश्न से भरी जिंदगी के लिए जरूरी है।

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