नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा किए गए फेरबदल में विपक्षी दलों को छह मुख्य संसदीय पैनल में से किसी की भी अध्यक्षता नहीं दी गई है। यहां तक कि गृह मामलों और सूचना प्रौद्योगिकी कमिटी, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस के पास थी, वह भी अब बदल दिया गया है।
संसद की छह मुख्य कमिटी- गृह, आईटी, रक्षा, विदेश मामले, वित्त और स्वास्थ्य, इन सभी की अध्यक्षता अब बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों के पास है।
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की जगह बीजेपी सांसद और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी बृज लाल को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जो अपनी पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव भी लड़ रहे हैं, उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी की संसदीय पैनल के प्रमुख पद से हटा कर शिव सेना के शिंदे गुट के सांसद प्रतापराव जाधव को ये पद दे दिया गया है।
तृणमूल कांग्रेस, जिसके पास खाद्य और उपभोक्ता मामलों के संसदीय पैनल की अध्यक्षता थी, उसे इन नए फेरबदल के बाद किसी भी संसदीय समिति की अध्यक्षता नहीं दी गई है।
राज्यसभा में टीएमसी नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा है, “टीएमसी संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है, देश में दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी हैं। इस पार्टी को एक भी अध्यक्ष पद नहीं मिला। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को दो महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। यह न्यू इंडिया की कड़वी सच्चाई है।”
इसके अलावा, समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है।
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