टीआरपी डेस्क
रायपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पहले हम लोग भाजपा के खिलाफ बोलते थे तो हिंदू विरोधी हो जाते थे। प्रधानमंत्री-गृह मंत्री के खिलाफ बोलते थे तो राष्ट्रद्रोही बता दिया जाता। अभी जो बयान आया है, उसमें कहा जा रहा है कि यह भारत विरोधी है। तो भारत कौन है-अडानी जी हैं? क्योंकि कहा जा रहा है कि जो रिपोर्ट आई है वह भारत पर हमला है, अडानी पर हमला नहीं है।
मुझे यह शंका है कि यह जो एनपीएस का पैसा हम लोग मांग रहे थे 17 हजार करोड़ वह केंद्र ने नहीं दिया। यूटीआई, एसबीआई और एलआईसी, इसी में से सब पैसा अडानी की कंपनी में गया है। यह तीन फंड मेजर है जिनका पैसा लगा है इन्हीं लोगों के यहां।
अडानी समूह की ओर से आई सफाई पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा हमला किया है। उन्होंने पूछा है कि अडानी, भारत हैं क्या? उन्होंने आशंका जताई कि अडानी के शेयरों के साथ राज्य कर्मचारियों की पेंशन स्कीम का 17 हजार करोड़ भी डूब सकता है। सीएम ने कहा कि जब शेयर मार्केट गिर गया तब भी एलआईसी ने पैसा दिया है।
उनका शेयर खरीदा, पैसा दिया है। तो समझ लीजिए कि कर्मचारियों के बुढ़ापे का जो सहारा था वह कहीं छिन तो नहीं जाएगा! यह भारत सरकार को बताना चाहिए कि कर्मचारियों के एनपीएस का जो पैसा था, जो उनको रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला था, वह डूब तो नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, गरीबों के आवास के मामले में कोई समझौता नहीं होगा। सरकार ने पिछले बजट में 800 करोड़ का प्रावधान किया था। इस बजट में भी व्यवस्था किया जाएगा। भाजपा इसे लेकर चिल्ला जरूर रही है लेकिन इनसे कुछ हाेगा नहीं। रमन सिंह लोन लेकर शुरू किये थे, हम तो बजट में प्रावधान कर रहे हैं।