कोरबा। जिले के पाली विकासखंड के एक हायर सेकंड्री स्कूल के पूरे स्टाफ ने मिलकर फर्जी हस्ताक्षर से कोषालय से बड़ी रकम निकाली और बंदरबांट कर लिया। इस पूरे मामले की जांच में उप कोषालय के अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आयी, जिसके बाद एक दर्जन लोगों के खिलाफ एक करोड़ चार लाख रूपये के गबन का मामला थाने में दर्ज कराया गया है।
दरअसल यह पूरा खेल शास उ.मा. वि. (बालक) हरदीबाजार में किया गया, जहां पदस्थ सहायक ग्रेड 03 ऋषि कुमार जायसवाल ने प्राचार्य के फर्जी हस्ताक्षर से देयक बनाये और कटघोरा स्थित उप कोषालय से रकम का आहरण करता चला गया। जांच में कुल रकम 01 करोड़ 04 लाख 46 हजार रूपये निकली।
लगातार फर्जीवाड़ा कर रहे विद्यालय के बाबू ऋषि कुमार जायसवाल ने जनवरी के महीने में 28 लाख रूपये के 8 फर्जी देयक फिर से उप कोषालय में जमा कराये। तब कोषालय के स्टाफ को शक हुआ और उसने शास उ.मा. वि. (बालक) हरदीबाजार के प्राचार्य व्यास नारायण दिवाकर से दूरभाष पर देयकों के बारे में पूछा, तब प्राचार्य ने देयक भेजे जाने से इंकार कर दिया। इसके बाद कोषालय से देयक वापस भेजे गए और प्राचार्य ने इसकी शिकायत DEO, कोरबा और संयुक्त संचालक (JD) बिलासपुर को भेजी। तब जाकर जांच की शुरुआत हुई।
इस मामले की JD स्तर पर जांच शुरू होते ही बाबू ऋषि कुमार जायसवाल और 2 अन्य स्टाफ को निलंबित किया गया। इसके बाद बाबू ऋषि जायसवाल ने कलेक्टर को 26 बिंदुओं का पत्र सौंपा और प्राचार्य व्यास नारायण दिवाकर को ही इस पूरे मामले का मास्टर माइंड बता दया। इतना ही नहीं उसने कुल 98 लाख रूपये फर्जी तरीके से निकालने और प्राचार्य और पूरे स्टाफ तथा कोषालय कर्मियों को बाँटने का दावा किया। इस पत्र के साथ ऋषि ने एक सूची सौंपी और बताया कि इन सभी के खाते में रकम ट्रांसफर किये। सूची इस प्रकार है :
शिक्षा विभाग में दरअसल प्राचार्य के पास आहरण-वितरण अधिकार (DD POWER) होता है और प्राचार्य ही अपने अधीनस्थों के देयकों को सीधे कोषालय में जमा करके भुगतान करा सकता है। पाली के BEO श्यामनन्द साहू ने बताया कि हरदीबाजार के विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए व्याख्याताओं और कर्मियों के विभाग में जमा फंड को फर्जी देयकों के माध्यम से निकाला गया। इनमे से दो तो कोरोना काल में मृत हो गए थे। BEO साहू ने बताया कि सेवानिवृत्त व्याख्याता खम्मन सिंह ठाकुर, सेवानिवृत्त प्राचार्य परमानन्द कुर्रे, सेवानिवृत्त भृत्य भरत राम यादव के नाम पर कोषालय से रकम निकाली गई। यही नहीं व्याख्याता स्व. राजेश कुमार, भृत्य स्व. गणेश राम बंजारे, सहायक ग्रेड दो स्व. राजेश कुमार ध्रुव के फंड को भी इन सभी ने नहीं छोड़ा और फर्जी देयकों के माध्यम से रूपये निकाल लिए।
इस मामले के पूरी तरह खुलासे के बाद BEO की रिपोर्ट पर हरदीबाजार थाने में कुल 12 लोगों के खिलाफ धारा 420 और 120 बी के तहत जुर्म दर्ज किया गया है। जिसकी सूची इस प्रकार है :
इस तरह एक स्कूल का पूरा स्टाफ और कोषालय के कर्मचारी-अधिकारी षड्यंत्रपूर्वक फर्जीवाड़े में लगे रहे और पूर्व कर्मियों के हिस्से की रकम का गबन करते रहे। अब मामले में FIR दर्ज होने के बाद सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस जल्द ही मामले की जांच करके आरोपियों की तलाश में जुट जाएगी।
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