रायपुर। मुस्लिम समाज ने ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए अनोखा कदम उठाया है। समाज में धार्मिक कार्यक्रमों में डीजे पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही निकाह में भी डीज को बैन कर दिया गया है। अगर डीजे बजता है तो मौलवी निकाह नहीं कराएंगे। आज इस पहल की जानकारी मुस्लिम समाज के नौमान अकरम हमीद ने कलेक्टर कार्यालय में इसकी जानकारी दी। कलेक्टर ने भी इस पहल की सराहना की है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने आज कलेक्टर कार्यालय में आयोजित बैठक में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक तथा आयुक्त नगर पालिक निगम व अन्य अधिकारियों के समक्ष जनता को डीजे के शोर से हो रही शारीरिक और सामाजिक परेशानियों से अवगत कराया। समिति की तरफ से डॉ राकेश गुप्ता, डॉ मनजीत कौर बल तथा नौमान अकरम हमीद उपस्थित रहे, साथ ही ध्वनि प्रदूषण मुद्दे पर वर्ष 2016 में जनहित याचिका दायर करने वाले नितिन सिंघवी भी थे।
डीजे का उत्पात इतना बढ़ गया कि अब चाकूबाजी होने लगी
ध्वनि प्रदूषण रोकने के सामाजिक अभियान में लगी डॉ. मंजीत कौर बल ने अधिकारियों को बताया कि डीजे बजने के दौरान अब चाकूबाजी की घटनाएं भी बढ़ रही है, इससे अंदाजा लग सकता है कि समस्या कितनी गंभीर है। पुलिस को बार-बार फोन करने पर पुलिस थानेसर से नीचे से डीजे बजाने वालों को शिकायतकर्ता का नाम बता देती है, जिससे शिकायतकर्ता को जान जोखिम का खतरा हो सकता है शिकायतकर्ता पर शिकायत न करने और वापस लेने का दबाव दिया जाता है। इस पर पुलिस अधीक्षक ने आश्वस्त किया कि डायल 112 में शिकायत करते रहें, वह आवश्यक निर्देश जारी करेंगे।
उठाया चौबे कॉलोनी का मुद्दा
डॉक्टर बल ने बैठक में बताया कि रायपुर शहर के वरिष्ठ पत्रकार लगातार पिछले 40 दिनों से चौबे कॉलोनी में सुबह-शाम-रात लाउडस्पीकर बजने को लेकर प्रशासन को ट्वीट कर रहे हैं, साथ ही लिख रहे है कि पुलिस प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। चौबे कॉलोनी सहित शहर की कई कॉलोनी के निवासी परेशान है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
लाइलाज है ध्वनि प्रदूषण से कानों को हुआ नुकसान
डॉ राकेश गुप्ता ने बैठक में बताया कि ध्वनि प्रदूषण से प्रभावित ऐसे मरीजों की संख्या उत्सवों और शादियों के मौसम के अलावा भी बहुतायत में बढ़ रही है। अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण के कारण लोगों को सुनाई देना बहुत कम हो गया है। कई मामले तो लाइलाज हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा दिए गए नंबरों पर शिकायत करने पर शिकायत तो दर्ज की जाती है परंतु कार्यवाही होने में ही दो से 3 घंटे लग जाते हैं, तब तक ध्वनि प्रदूषण से होने वाला नुकसान हो जाता है।
मुस्लिम समाज के कदम को सराहा
नौमान अकरम हमीद ने बताया कि रायपुर के मुस्लिम समाज ने निर्णय लिया है कि धार्मिक कार्यक्रमों में डीजे नहीं बजाया जावेगा तथा अगर निकाह में डीजे बजता है तो मौलवी निकाह नहीं कराएंगे। कलेक्टर ने इसे सराहनीय कदम बताते हुए समिति के सदस्यों से कहा कि अन्य समाजों को भी प्रेरित करें।
मोटर वेहीकल एक्ट के तहत होगी कार्यवाही
बैठक में उपस्थित प्रशासन के अधिकारियों तथा पुलिस के अधिकारियों को कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक ने तत्काल ही डीजे और ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए तथा मोटर वेहिकल एक्ट के तहत भी कार्यवाही करने के निर्देश दिए जिसमे अधिक पेनल्टी के प्रावधान है।
समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने बताया शीघ्र ही समिति कुछ मोबाइल नंबर सार्वजनिक करेगी जहां पर नागरिक ध्वनि प्रदूषण और डीजे से संबंधित से अपनी परेशानी बता सकेंगे, जिसके द्वारा प्रशासन को शिकायत दर्ज की जा सकेगी।
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