रायपुर। अधिवेशन सत्र को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं सभी कांग्रेसजनों का आभार जताता हूँ कि आप सबने मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुना. ये कांग्रेस में संभव है कि जो कभी ब्लॉक कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष था वो राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गया. मैं इसके लिए सोनिया गांधी और कांग्रेस के सभी साथियों का आभार जताता हूँ.
मैं आज अधिवेशन को संबोधित करते हुए भावुक हूँ. अधिवेशन को पूर्व महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू ने संबोधित किया था। आज देश में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन राहुल गांधी ने नफरत के खिलाफ प्यार की जो यात्रा की वह एक नई रोशनी है। राहुल गांधी को बधाई देता हूँ। उन्होंने तमाम विपरीत और चुनौतियों के बीच एक सफल यात्रा की और देशवासियों की तकलीफों को महसूस किया, उसे करीब से देखा. आज कांग्रेस पार्टी उत्साह और ऊर्जा से भर चुका है. इस यात्रा ने भारत को एक किया है. मैं इसके लिए धन्यवाद देता हूँ
AICC का अध्यक्ष निर्वाचित हुआ ये सबसे बड़ा सबूत है। हमारी पार्टी के लोकतंत्र का देशवासियों की टूटी हुई उम्मीदों के बीच राहुल गांधी ने रोशनी की एक उम्मीद दी है। भारत जोड़ो यात्रा उम्मीद की एक नई किरण है, आप ख़ुद कष्ट सहकर, आगे बढ़े। भारत की आत्मा में कांग्रेस है। राहुल गांधी हमको मार्गदर्शन देते रहे इसके लिए धन्यवाद देता हूं। कांग्रेस को आज सेवा बलिदान की ज़रूरत है। आज हालात ये है कि महंगाई ने बजट बिगाड़ दिया है। प्रधानमंत्री के दोस्त की सम्पति तीन गुना बढ़ी है। 70 साल में बनाई संपति को एक एक करके अपने दोस्त को बेच रहे हैं। LIC और SBI बचेगा या बिकेगा अब तो इस पर भी सवाल है।
भाजपा और केंद्र सरकार ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन को रोकने की कोशिश की. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं पर ईडी के छापे मारे गए, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने और कांग्रेस पार्टी ने डटकर मुकाबला किया. आज सफल अधिवेशन हो रहा है. मैं इसके लिए भूपेश बघेल और पूरी पार्टी को बधाई देता हूँ. आज हमें इसी तरह लड़ने की जरूरत है. देश में आज एक तरफ तोड़ने की संस्कृति चल रही है और दूसरी तरफ जोड़ने की संस्कृति चल रही है।
देश में आज संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है. नोटबंदी, कोरोनो, जीएसटी, महंगाई ने देश का कमर तोड़ दिया है। 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए, 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए, लेकिन इसी बीच मोदी सरकार के मित्र लगातार ऊपर जाते रहे. उन्हें देश की तमाम चीजे बेची जा रही है. धरती से आकाश तक बेचने का काम चल रहा है. निजीकरण का खेल देश में चल रहा है.
देश में आज सैकडों गरीब-मजदूर प्रतिदिन आत्महत्या कर रहे हैं। इस सरकार को अब चेतावनी देनी चाहिए. सबको एकजुट होना होगा. देश के एससी-एसटी, अल्पसंख्यक सबको एक होकर लड़ना होगा. गरीबों पर 13 और आदिवासियों पर 31 प्रतिशत अत्याचार बढ़े हैं।