रायगढ़. छत्तीसगढ़ के औद्योगिक जिले रायगढ़ के घरघोड़ा नगर पंचायत में भी कांग्रेस तख्तापलट करने में कामयाब रही. तीन साल पहले कांग्रेस में फूट का फायदा उठाकर बीजेपी अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही थी. इस बार पीसीसी के पर्यवेक्षक डॉ. चौलेश्वर चंद्राकर और सुबोध हरितवाल ने कांग्रेसी पार्षदों को एकजुट किया. वोटिंग से पहले रणनीति बनाई और 15 सदस्यों वाले नगर पंचायत में 11 वोट के साथ तख्तापलट कर दिया. नगर पंचायत अध्यक्ष शिशु सिन्हा की कुर्सी गई. हरितवाल के पर्यवेक्षण में यह तीसरा मौका था, जब पार्टी तख्तापलट करने में कामयाब रही. इससे पहले महासमुंद और जगदलपुर में भी अपना अध्यक्ष बना चुके हैं.
घरघोड़ा नगर पंचायत में कुल 15 पार्षद हैं. 2020 में जब चुनाव हुए थे, तब कांग्रेस के 8 पार्षद जीते थे. बीजेपी के पांच और दो निर्दलीय पार्षद थे. अध्यक्ष का जब चुनाव होना था तब कांग्रेस का अध्यक्ष बनना तय था, लेकिन शिल्लू चौधरी और उस्मान बेग की आपसी लड़ाई के कारण बीजेपी ने मौका भुनाया और शिशु सिन्हा अध्यक्ष बन गए जबकि उस्मान उपाध्यक्ष बने. उस्मान पर भितरघात का आरोप लगा था और निलंबित कर दिया गया था. हालांकि उस्मान ने ही दस पार्षदों के साथ कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव का ज्ञापन दिया था.
इस ज्ञापन के आधार पर एक मई को वोटिंग थी. पीसीसी की ओर से सुबोध हरितवाल और डॉ. चंद्राकर को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया था. दोनों नेताओं ने पहले पार्षदों के बीच बात कराई, फिर वोटिंग कराई. इसका फायदा मिला और अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 11 वोट पड़े. अध्यक्ष शिशु सिन्हा के पक्ष में सिर्फ तीन वोट पड़े. एक पार्षद ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. बीजेपी समर्थित एक पार्षद ने कांग्रेस की ओर से वोट दिया. अविश्वास प्रस्ताव में जीत के बाद जल्द ही अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया जाएगा.