न्यूयार्क। अमेरिका के एयरस्पेस (american airspace) में लगातार जासूसी उपकरण देखने को मिल रहे हैं। पहले चीन ने एक जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी एयरस्पेस में भेजा था। वहीं दूसरी तरफ अलास्का में एक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट देखने को मिला है। जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश के बाद उसे फाइटर जेट ने मार गिराया। बार-बार इस तरह के उपकरण से अमेरिकी प्रशासन और लोग राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं।
american airspace: राष्ट्रपति के आदेश के बाद कार्रवाई
इस घटना पर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि अमेरिका के अलास्का में करीब 40 हजार फीट की ऊंचाई पर एक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट देखा गया था। जो करीब एक कार के आकार जितना बड़ा था। इसके तुरंत बाद ही राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को मार गिराने का आदेश जारी किया।
american airspace: इस फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को मार गिराने के लिए F-22 फाइटर ने AIM-9X मिसाइल का इस्तेमाल किया। जिसने 40 हजार फुट की ऊंचाई पर जाकर सटीक निशाने से ऑब्जेक्ट को मार गिराया। इस मामले पर तफ्तीश की जा रही है कि इस ऑब्जेक्ट को अमेरिकी एयरस्पेस में भेजने का क्या मकसद था और यह किस जगह से आया।
american airspace: अमेरिका के खिलाफ साजिश का अंदेशा
अमेरिका के एयरस्पेस में बार-बार जासूसी उपकरण दिखना कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता है। कभी चीन द्वारा मौसम के अनुसंधान के नाम पर जासूसी गुब्बारा भेजा जा रहा है। वहीं इस नए ऑब्जेक्ट के दिखने से यहीं आशंका जताई जा रही है कि इसमें जरूर कोई देश अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने की कोशिश कर रहा है।
american airspace: इस वक्त अमेरिका के खासतौर पर दुश्मनों की सूची में चीन, रूस और उत्तर कोरिया शामिल हैं, क्योंकि इस वक्त रूस और यूक्रेन का युद्ध जारी है। जिसमें अमेरिका यूक्रेन को आर्थिक सुविधा से लेकर हथियार तक मुहैया करवा रहा है। इसी के साथ-साथ चीन के जासूसी गुब्बारे को गिराने के बाद चीन के विदेश प्रवक्ता ने कहा था कि इसका जवाब सही समय आने पर दिया जाएगा।