नई दिल्ली। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को चिकनगुनिया के लिए दुनिया के पहले टीके को मंजूरी दे दी है. ये वायरस संक्रमित मच्छरों से फैलता है, जिसे एक उभरता हुआ वैश्विक स्वास्थ्य खतरा बताया गया है.
FDA ने कहा कि यूरोप के वलनेवा ने वैक्सीन को तैयार किया है. इस वैक्सीन का नाम इक्स्चिक रखा गया है. इसे 18 साल और उससे अधिक उम्र वालों को दिया जाएगा.
अमेरिकी दवा रेगुलारिटी की तरफ से Ixchiq को हरी झंडी मिलने से उन देशों में वैक्सीन के रोलआउट में तेजी आने की उम्मीद है जहां वायरस का ज्यादा खतरा है. चिकनगुनिया एक तरह का बुखार है, जो गंभीर जोड़ों के दर्द का कारण बनता है. ये मूलत: अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और अमेरिका के कुछ हिस्सों में सबसे अधिक फैला हुआ है.
चिकनगुनिया वायरस का फैलाव
अमेरिकी दवा रेगुलारिटी (FDA) ने कहा कि चिकनगुनिया वायरस नए भौगोलिक क्षेत्रों में फैल गया है, जिससे बीमारी के ग्लोबल लेवल पर फैल गया है. पिछले 15 सालों में चिकनगुनिया के 50 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं. FDA के वरिष्ठ अधिकारी पीटर मार्क्स ने एक बयान में कहा कि चिकनगुनिया वायरस के संक्रमण से गंभीर बीमारी और लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
ये खासकर वृद्ध वयस्कों और गंभीर मेडिकल ट्रीटमेंट वाले व्यक्तियों के लिए खतरनाक हो सकती है. उन्होंने वैक्सीन की मंजूरी चिकित्सा आवश्यकता के मद्देनजर दी गई है. ये सीमित उपचार विकल्पों के साथ संभावित रूप से गंभीर बीमारी को रोकने में कारगर साबित होगा.
उत्तरी अमेरिका में 3,500 लोगों पर क्लिनिकल टेस्ट
वैक्सीन को एक खुराक में इंजेक्ट किया जाता है. इसमें चिकनगुनिया वायरस का एक जीवित और कमजोर वेरिएंट मौजूद होता है. ये ठीक अन्य वैक्सीन के स्टैंडर्ड को मैच करता है. आपको बता दें कि उत्तरी अमेरिका में 3,500 लोगों पर दो क्लिनिकल टेस्ट किए गए. इस वैक्सीन की वजह से लोगों में सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, बुखार कम हो गया. टेस्ट में Ixchiq वैक्सीन लेने वालों में से 1.6 फीसदी में गंभीर प्रतिक्रिया दर्ज की गई, जिनमें से दो को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी.