बिलासपुर। छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा रायपुर में हो रहे ध्वनि प्रदूषण के मामले में रायपुर कलेक्टर तथा एस पी के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका की सुनवाई आज न्यायमूर्ति पी. सैम कोशी तथा न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू की युगल पीठ में हुई। कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे तथा पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल की तरफ से शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया, जिस पर कोर्ट ने असंतुष्टी बताते हुए नया शपथ पत्र प्रस्तुत करने को आदेशित किया है। प्रकरण की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी।
नहीं कर रहे हैं कोर्ट के आदेश का पालन
प्रकरण के मामले समिति के डॉ राकेश गुप्ता ने चर्चा में बताया अवमानना याचिका दायर किए जाने के बावजूद भी डीजे वाले वाहनों से साउंड बॉक्स स्पीकर जप्त नहीं कर रहे हैं। जबकि पूर्व में दायर जनहित याचिका नितिन सिंघवी विरुद्ध छत्तीसगढ़ राज्य के आदेश में कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेशित कर रखा है कि वाहनों में बड़े साउंड बॉक्स / स्पीकर रखकर बजाए जाए रहे साउंड बॉक्स / स्पीकर को जप्त करना है और बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के वापस नहीं किया जाना है, परंतु प्रशासन कोलाहल अधिनियम और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्यवाही कर मामले को खत्म कर रहा है और कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है, साउंड बॉक्स / स्पीकर जप्त नहीं किये जा रहे है।
रफा दफा किये जा रहे हैं प्रकरण
समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने चर्चा में बताया की समिति की तरफ से कलेक्टर, एसपी के विरुद्ध कोर्ट में दूसरी बार अवमानना याचिका दायर की गई है। पहली अवमानना याचिका में कलेक्टर और एसपी ने शपथ पत्र दिया था कि वह कोर्ट के आदेश का भावना अनुरूप, शब्द: पालन करेंगे। परंतु स्थिति यह है कि कोर्ट के आदेश का भावना अनुरूप, शब्द: पालन करने का शपत पत्र देने के बावजूद और पहली अवमाना याचिका के निराकरण उपरांत 1 अप्रैल 22 से 23 सितम्बर 2022 तक 42 प्रकरणों में कार्यवाही की गई जिसमें से 24 प्रकरण में रु 1000, दो प्रकरण में 2000 और एक प्रकरण में 500 पेनल्टी लगा कर डीजे वाहन छोड़ दिए गए, जबकि इस बीच त्योहारी सीजन में भी खूब ध्वनि प्रदूषण हुआ सिर्फ गणेश विसर्जन के दौरान एक के पीछे के 43 डीजे पुरानी बस्ती होते हुए निकले थे।
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