नयी दिल्ली। आधार यूजर्स की सिक्योरिटी को लेकर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) लगातार काम कर रही है। UIDAI ने आधार वेरिफिकेशन को लेकर यूनिट को कहा है कि वेरिफिकेशन से पहले संबंधित लोगों को पूरी बात समझाकर उनसे सहमति लेना आवश्यक होगा। यह सहमति कागज पर लिखित में या इलेक्ट्रॉनिक रूप से लिया जा सकता है। साथ ही उनसे यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि जो डेटा लोगों से लिए जाएं, वे उससे अच्छी तरह से अवगत हों, और साथ ही Aadhaar वेरिफिकेशन की जरूरत को भी समझें।
यूआईडीएआई ने कहा है कि सत्यापन करने वाली इकाइयों के लिये जरूरी है कि वे लोगों को पूरी बात बताकर उनसे आधार सत्यापन को लेकर सहमति लें।
प्राधिकरण के अनुसार जो सहमति ली जाए, उसके दस्तावेज और सत्यापन से जुड़ी चीजें नियमन के तहत निर्धारित सीमा तक ही रखी जाए। UIDAI ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘और उक्त समयावधि की समाप्ति के बाद जो चीजें हटाने की जरूरत है, उन्हें अधिनियम के अनुसार किया जाए।’’
विज्ञप्ति के अनुसार, UIDAI ने यह भी कहा कि सत्यापन करने वाली इकाइयों को लोगों के प्रति विनम्र होना चाहिए और उन्हें संबंधित लोगों को आधार संख्या की सुरक्षा और गोपनीयता के बारे में आश्वस्त करना चाहिए।’’
UIDAI ने इकाइयों से यह भी कहा कि वे आधार संख्या का भंडारण तभी करें जब वे उसके लिये अधिकृत हैं। और अगर उन्हें यह करना है, तो वे निर्धारित नियमों के अनुसार करें।
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