रायगढ़। जिले के तमनार क्षेत्र में प्रस्तावित जिस गारे पेलमा खदान को ग्रामीणों ने अब तक रोके रखा है, उसे शुरू करने के लिए अपनाये जा रहे हथकंडे के खिलाफ ग्रामीण उठ खड़े हुए हैं। यहां बीते 10 साल से इस खदान को खोल पाने में असफल कोल इण्डिया ने अब अडानी ग्रुप को ठेका देकर इस खदान को शुरू करने की रणनीति बनाई है, जिसे रोकने के लिए ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग पर आवाजाही को बाधित करते हुए आर्थिक नाकेबंदी शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने तमनार में शुक्रवार की सुबह से ही से हुंकरा डिपा चौक पर जाम लगाते हुए अनिश्चित कालीन प्रदर्शन शुरू कर दिया।
दरअसल गारे पेलमा सेक्टर 1 कोल ब्लॉक वर्ष 2010 में एसईसीएल को दिया गया है, मगर बीते 10 वर्षों में कोल इंडिया यहां की जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं कर सका है। इसकी प्रमुख वजह है ग्रामीणों द्वारा इस परियोजना का क़ानूनी तरीके से विरोध। इस कोल ब्लॉक से प्रभावित होने वाले गांव के ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में ग्राम सभा की अनुमति के बिना यहां किसी प्रकार की परियोजना के लिए सर्वे या अन्य कार्य नहीं किया जा सकता। इन सब कार्यों के लिए ग्राम सभा से प्रस्ताव करना अनिवार्य है।
ग्रामीणों ने बताया कि बीते 20 अप्रैल को कोयला प्रभावित क्षेत्र पेलमा, उरबा, मिलुपारा, जरहीडीह, लालपुर, सकता, मड़वाडूमर, हिंझर में बिना पंचायत को सूचना दिए सर्वे कार्य कराया जा रहा था। यह मामला तब उजागर हुआ जब इलाके के तहसीलदार लीलाधर चंद्रा की बजाय नायब तहसीलदार अनुज पटेल यहां सर्वे के लिए पहुँच गए। ग्रामीणों ने इस संबंध में पूछा तब अनुज पटेल ने तहसीलदार का आदेश दिखाया।
ग्रामीणों ने जब तहसीलदार लीलाधर चंद्रा से इसके बारे में पूछा तब उन्होंने इस तरह के किसी भी आदेश पर आदेश पर हस्ताक्षर करने की बात से इंकार कर दिया। इस तरह नायब तहसीलदार अनुज पटेल का पत्र फर्जी साबित हुआ। जिसके बाद से ही ग्रामीण अनुज पटेल के खिलाफ कार्यवाही करने और उन्हें तमनार से हटाने की मांग जिलाधीश तारण प्रकाश सिन्हा से कर रहे थे, मगर मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया। आश्चर्य तो इस बात का है कि कथित तौर पर फर्जी पत्र तैयार करने वाले नायब तहसीलदार अनुज पटेल पर कार्यवाही करने की बजाय तहसीलदार लीलाधर चंद्रा को प्रशिक्षण के नाम पर रायपुर भेज दिया गया है। इसके साथ ही अनुज पटेल को उलटे तमनार का प्रभारी तहसीलदार बना दिया गया है।
दरअसल गारे पेलमा सेक्टर 1 कोल ब्लॉक वर्ष 2010 में एसईसीएल को मिली मगर ग्रामीणों के विरोध के चलते अब तक यह खदान शुरू नहीं हो सकी। अब COAL INDIA ने नई रणनीति के तहत इस खदान में खुदाई का ठेका अडाणी ग्रुप को दे दिया है। अनुबंध के मुताबिक अडाणी ग्रुप यहां कोयले की खुदाई करेगा और उसके बाद एक निश्चित दर पर SECL को ही कोयला बेचेगा। इस अनुबंध के बाद गारे पेलमा सेक्टर 1 कोल ब्लॉक को ऐन केन प्रकारेण खोले जाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसी के तहत राजस्व अमले पर इस खदान से प्रभावित पूरे 14 गावों में सर्वे के लिए दबाव डाला जा रहा है।
गौरतलब है कि रायगढ़ जिले तमनार इलाके में कई कोयला खदान और बिजली के कारखाने हैं। जिनकी वजह से इस इलाके का विकास होने की बजाय लोगो का जीना दूभर हो गया है। प्रदूषण, जर्जर सड़कें और अन्य कई परेशानियों से ग्रामीण जूझ रहे हैं, और वे चाहते हैं कि यहां कोई दूसरी कोयला खदान या पॉवर प्लांट शुरू न किये जाएँ। यही वजह है कि ग्रामीणों ने सड़क बाधित करते हुए आर्थिक नाकेबंदी शुरू कर दी। जिसके चलते यहां के 6 खदानों और उड़ीसा के सुंदरगढ़ खदान से कोयले का परिवहन बाधित हो गया।
इस खबर के लिखे जाने तक यह जानकारी सामने आयी कि स्थानीय SDM ने आंदोलन स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों की बात कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा से कराई। कलेक्टर ने 15 ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार को वार्ता के लिए कलेक्ट्रेट बुलाया है। साथ ही उन्होंने तहसीलदार लीलाधर चंद्रा को प्रशिक्षण से वापस लौटने तक इंतजार करने का अनुरोध ग्रामीणों से किया है, जिसके बाद नायब तहसीलदार अनुज पटेल का तबादला करने की बात उन्होंने कही है। उन्होंने यह भी कहा है कि ग्रामीणों ने जिस फर्जीवाड़े की शिकायत की है अगर वो सही पाई गई तो उस मामले में भी अनुज पटेल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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