शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में हो रही है। इतिहास के पन्नों में उज्बेकिस्तान का यह शहर बेहद अहम रहा है। माना जाता है कि यह शहर करीब 3000 साल पुराना है। उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में कई मुस्लिम शासकों ने राज किया। इस शहर में सिकंदर, चंगेज खान, तैमूर लंग और बाबर इस शहर में कब्जे को लेकर कई शासकों से भिड़ता रहा। समरकंद में नाकाम होने के बाद बाबर ने भारत की ओर रुख किया था। अपनी क्रूरता के लिए मशहूर चंगेज खान और तैमूर लंग ने समरकंद में कई लड़ाईयां लड़ीं।
समरकंद नाम सोगदियाना (Sogdiana) से जुड़ा है। इसका अर्थ होता है पत्थरों का किला या पत्थरों से बना शहर। प्राचीन काल में समरकंद सोगदियाना राज्य की राजधानी थी।
वहीं, अब इस शहर में कई देशों के शीर्ष नेता मौजूद हैं। शुक्रवार को शंघाई सहयोग की अहम बैठक होनी है। इस बैठक में भारत, रूस, चीन, तुर्की और ईरान के राष्ट्रपति समेत कई शीर्ष नेता विश्व के विभिन्न मुद्दों पर अपना एजेंडा तय करेंगे। आज होने वाली इस बैठक में जलवायु, खाद्यान्न संकट, पावर क्राइसिस और रूस- यूक्रेन युद्ध को लेकर खास चर्चा होने की उम्मीद है।
उज्बेकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन 2022 की मेजबानी कर रहा है। यह देश अपने आप में बेहद खास है। उज्बेकिस्तान प्रशासनिक रूप से 12 प्रान्तों और एक स्वशासित गणतंत्र में बंटा हुआ है। इनके अलावा राजधानी ताशकंत को भी एक स्वतन्त्र शहर का दर्जा प्राप्त है। उज्बेकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव (Shavkat Mirziyoyev) हैं।
इतिहास के पन्नों में दर्ज उज्बेकिस्तान के शहर समरकंद में कई देश एक बार फिर इकठ्ठा हुए हैं। समरकंद शहर में हो रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) बैठक में वर्तमान में 8 सदस्य देश शामिल हैं। चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान इसके सदस्य देश हैं।