नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मार्च में दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे। विभिन्न किसान यूनियनों की प्रतिनिधि संस्था एसकेएम के नेता दर्शन पाल ने यहां आयोजित किसान पंचायत में यह ऐलान किया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड सहित विभिन्न राज्यों के किसानों ने हिस्सा लिया।
निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाला संयुक्त किसान मोर्चा न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी की मांग करता आ रहा है। पाल के अलावा, राकेश टिकैत, जोगिंदर सिंह उग्राहन और हरिंदर सिंह लाखोवाल सहित कई किसान नेताओं ने इसमें भाग लिया।
उनकी मांगों में किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस लेना, कर्जमाफी, पेंशन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करना जिनका बेटा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी है, किसान आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के लिए मुआवजा और बिजली विधेयक वापस लेना शामिल है।
सभा को संबोधित करते हुए दर्शन पाल ने कहा कि देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है और किसान मोर्चा एकता दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर भी ज्ञापन दिए जा रहे हैं। पाल ने कहा, ”हम दिल्ली में 15 मार्च से 22 मार्च के बीच बड़ा प्रदर्शन करेंगे।” उन्होंने कहा कि प्रदर्शन की सटीक तिथि पर फैसला नौ फरवरी को कुरुक्षेत्र में होने वाली बैठक में किया जाएगा।
इस मौके पर किसानों ने वापस लिये जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले प्रदर्शनकारियों की याद में एक मिनट का मौन रखा। किसानों के इस संगठन ने कहा कि आंदोलन के दौरान 740 किसानों की मौत हुई थी।
महापंचायत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पशुओं को भूखा मारने का षड्यंत्र रच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से अभी एक दवाई लाई गई है जो घास व पौधों पर छिडक़ी जाएगी ताकि आवारा पशु पौधों को नहीं खाएं, लेकिन इस घास का चारा गांव के पशु भी नहीं खाएंगे और इस कारण पशु भूखे मर जाएंगे।
महापंचायत में पहुंचे बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में कहा कि देश में भाजपा नहीं, कंपनी की सरकार चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भी पता है कि सरकार हमें दिल्ली में प्रदर्शन के लिए कोई जगह नहीं देने वाली है। अगर आप को अपनी फसल बचानी है, तो अपने ट्रैक्टरों को तैयार रखना होगा, कभी भी बुलावा मिल सकता है।”
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