मनीष@बिलासपुर। हिंदू नेताओं ने देश को विखंडित करने के लिए जिन्ना को प्रेरित किया था। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बिलासपुर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू राज नेताओं के इशारों पर देश का बंटवारा हुआ है। महात्मा गांधी ने जिन्ना को कहा था कि, आपको खुश करने के लिए देश को विखंडित भी किया जा सकता है। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा है। पृथक से हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया। शंकराचार्य निश्चलानंद ने एक बार फिर से जिन्ना के जिन्न को जिंदा कर दिया। देश के कथित हिंदू नेताओं के विवेक पर भी गंभीर सवाल हैं।
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए शंकराचार्य निश्चलानंद ने जिन विषयों पर बेबाकी से अपने बयान दिए उससे अब राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा होने लगी है, उन्होंने कहा की, जिन्ना मुसलमानों के लिए विशेष अधिकार प्राप्त एक प्रांत चाहते थे। लेकिन, उनके दिमाग में अन्य हिंदू राज नेताओं ने विभाजन का बीज डाला था। निश्चलानंद सरस्वती ने RSS पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पास कोई ग्रंथ नहीं है। राजनीति का नाम राज धर्म है। लेकिन धर्म की सीमा के बाहर राजनीति नहीं होनी चाहिए। धार्मिक जगह पर हस्तक्षेप करके मठ मंदिरों की मर्यादा को ठेस पहुंचाना धर्म नहीं, बल्कि, धर्म के नाम पर उन्माद है।