छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका न्यायालय के स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का 13 मई को आयोजित किया गया। माननीय नीता यादव, जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ विद्या की देवी सरस्वती जी के फोटोचित्र पर पूजा, अर्चना करते हुए दीप प्रज्जवलित कर किया गया। तत्पश्चात् अन्य न्यायाधीशगण, उपस्थित पक्षकारगण एवं अधिवक्तागण तथा अन्य संस्थाओं के अधिकारियों द्वारा भी दीप प्रज्जवल किया गया।लोक अदालत में राजीनामा योग्य समस्त प्रकृति के प्रकरण रखे गए थे जिनमें से 700 से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के प्रकरणों में माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा कुल 06 प्रकरण का निराकरण करते हुए 6590000 की अवार्ड राशि पारित की गई, जिसमें से 01 प्रकरण का निराकरण वर्चुअल मोड पर करते हुए 500000 की अवार्ड राशि पारित की गई, साथ उक्त भांति का ही प्रकरण अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश द्वारा 01 प्रकरण का निराकरण करते हुए 11,00,000 की अवार्ड राशि पारित की गई। इसके अतिरिक्त कुटुम्ब न्यायालय द्वारा कुल 25 प्रकरणों का निराकरण किया गया। राजस्व न्यायालय में कुल 1450 प्रकरणों का निराकरण हुआ। सचिव अमित प्रताप चन्द्रा, द्वारा उक्त जानकारी दी गई। लोक अदालत के दौरान वर्चुअल मोड अर्थात् विडियों कान्फें्रसिंग के माध्यम से भी प्रकरणों का निराकरण किया गया। किशोर न्याय बोर्ड में 16 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसी प्रकार संबंधित बैंक के अधिवक्ता सुधीर पाण्डेय द्वारा बताया गया कि बैंक आॅफ इण्डिया कवर्धा द्वारा प्रस्तुत एक प्रकरण में 473000 राशि वसूली के प्रकरण में उभयपक्षकारों के मध्य मात्र 150000 रूपए में सहमति हुई, पंजाब नेषनल बैंक द्वारा प्रस्तुत एक प्रकरण में 129361 राशि वसूली के प्रकरण में पक्षकारों के मध्य मात्र 25873 रूपए में सहमति हुई, उक्त बैंक के ही दो अन्य प्रकरणों में 213258 राशि वूसली के प्रकरण में मात्र 42652 की सहमति हुई तथा 274632 रूपये के प्रकरण में मात्र 54927 की सहमति हुई एवं एक कृषि ऋण प्रकरण में 191000 के प्रकरण में मात्र 3300027/- रूपए में सहमति हुई। इसी प्रकार पंजाब नेशनल बैंक के सिविल सुट प्रकरण में 1699000 रू. के प्रकरण में मात्र 1125000 रू. में सहमति हुई। इसी प्रकार एक संस्था महामाया गुड़ उद्योग के प्रकरण में 1700500 रू. के प्रकरण में 900000/- रू. में सहमति हुई। इस प्रकार लोक अदालत में राजीनामा के आधार पर प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों को बहुत अधिक लाभ प्राप्त हुआ।लोक अदालत में प्रकरण जिले के कोने कोने से पक्षकार जिला न्यायालय प्रांगण में अपने प्रकरणों के निराकरण के लिए उपस्थित होते है, जिनकी सुविधा के लिए नगर पालिका द्वारा पेयजल व्यवस्था की गई थी तथा बैंक द्वारा पक्षकारों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी। नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय में कुल 08 खण्डपीठ न्यायालय स्तर में, राजस्व न्यायालय स्तर में भी खण्डपीठ गठित की गई थी। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के अनुक्रम में समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालिगल वालिन्टियर्स, जिला प्रशासन, जिला पंचायत, नगर पालिका, पुलिस विभाग, समस्त बैंको सहित अन्य समस्त विभागों का भरपूर सहयोग रहा है।
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