मनेंद्रगढ़. समाजसेवा और राजनीति में बेहतर काम करने की इच्छा लेकर सिविल जज की नौकरी छोड़ने वाले युवा को कांग्रेस पार्टी में न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है. पूरा घटनाक्रम यूथ कांग्रेस चुनाव से जुड़ा हुआ है. 2013 बैच के सिविल जज व्यंकटेश सिंह ने नौकरी छोड़कर यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष का चुनाव लड़ा. यूथ कांग्रेस चुनाव के लिए जो नियम बने थे, उसके मुताबिक वोटिंग कराई थी, लेकिन बड़े पैमाने पर वोट रिजेक्ट कर दिए गए. पिछले साल अक्टूबर से व्यंकटेश जो वोट रिजेक्ट किए गए और जो एक्सेप्ट किए गए, उसकी री-काउंटिंग की मांग कर रहे हैं, लेकिन चुनाव अधिकारी द्वारा जवाब नहीं दिया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ में 6 माह पहले यूथ कांग्रेस का चुनाव हुआ था. इसमें पूर्व जज व्यंकटेश सिंह ने मनेंद्रगढ़ जिलाध्यक्ष के चुनाव में हिस्सा लिया. व्यंकटेश ने 16 हजार लोगों की मेंबरशिप कराई थी. यानी इतनी ही संख्या में वोट भी पड़े थे. इसके बावजूद सिर्फ 7145 वोट की सलेक्ट हुए. बाकी को रिजेक्ट कर दिया गया. व्यंकटेश के मुताबिक जिलाध्यक्ष का चुनाव जीतने वाले हफीज मेनन को सिर्फ 31 वोट ज्यादा मिले हैं. उन्होंने ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर यह जानकारी दी थी कि मेनन ने 12 हजार ही मेंबरशिप कराई है. इसमें भी बड़ी संख्या में फेक आईडी के साथ मेंबरशिप कराई गई है.
इसके आधार पर ही व्यंकटेश ने री-काउंटिंग की मांग रखी थी, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि किस आधार पर इतनी बड़ी संख्या में मेंबरशिप को रद्द किया गया है. हालांकि अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. उन्होंने दिल्ली जाकर भी पूरी बात रखी. फैक्ट्स के साथ बताया कि जिस मोबाइल एप के जरिए मेंबरशिप कराई गई है, उसमें गड़बड़ी हो सकती है. इसके बाद भी पार्टी की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया. व्यंकटेश फिलहाल शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. उनका पारिवारिक बैकग्राउंड राजनीति से जुड़ा है. पिता रमेश चंद्र सिंह जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं.