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किसान नेता हत्याकांड मामले में आया नया मोड़, कोर्ट में बढ़ी टिकैत की मुश्किलें

उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में राष्ट्रीय किसान मोर्चा अध्यक्ष एवं किसान नेता चौधरी जगबीर सिंह हत्याकांड में उस समय नया मोड़ आ गया। जब इस घटना से जुड़े एक मामले में जांच अधिकारी को तलब करने की मांग अदालत ने मान ली है। इसमें भाकियू चीफ नरेश टिकैत आरोपी हैं। यह मुक़दमा अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर 5 में विचाराधीन है।

पूर्व राज्यमंत्री एवम वादी योगराज सिह व शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार त्यागी द्वारा न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र इस आशय का दिया गया था कि वर्ष 2002 में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जगबीर सिंह सिसौली में पंचायत करने जा रहे थे तब कुछ लोगो ने वह पंचायत नहीं होने दी थी। आरोप था की पंचायत में आये लोगो व पुलिस कर्मियों सहित तत्कालीन थानाध्यक्ष एस एस चौधरी के साथ मारपीट की गई थी।

तत्कालीन थानाध्यक्ष एसएस चौधरी ने थाना भौराकला में किसान यूनियन अध्यक्ष नरेश टिकैत व अज्ञात भीड़ पर थानाध्यक्ष व पुलिस के साथ मारपीट का मुक़दमा दर्ज किया गया था, इस मामले में गवाही की मांग की गई थी। आरोप था की स्व. चौधरी जगबीर सिंह ने अपनी व्यक्तिगत डायरी में लिखा था की “महेंद्र सिंह टिकैत व उसके पुत्रों ने किसी बदमाश को 25 लाख में मुझे मारने का ठेका दे रखा है, अगर वह अपने मक़सद में कामयाब हो जाते है।”

उक्त डायरी की कॉपी वादी योगराज सिंह ने जाँच अधिकारी गुलाब चंद्र आर्य को देकर फर्द प्राप्त कर ली थी, जिसे साबित करने के लिए गुलाब चन्द्र आर्य को अदालत में बुलाने की लिए धारा 311 दायर की थी, जिसे विचारण अधिकारी अशोक कुमार ने ख़ारिज कर दिया था। जिसे सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता मनुराज सिंह ने हाईकोर्ट इलाहाबाद में रिट दाखिल की। जिसमें व सीनियर एडवोकेट अनुप त्रिवेदी व विवेक महेश्वरी ने पक्ष रखा।

एमपी एमएलए कोर्ट में न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने दोनों पक्षो को सुनकर वादी योगराज सिंह की बातों को सही माना। अदालत ने आदेश पारित किया है कि वाद में जो भी गवाही नहीं हो पायी है या छूट गयी है वह होनी चाहिए।

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