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कुदरत का करिश्मा : भूकंप के 212 घंटे बाद भी जिंदा रहा 77 वर्षीय बुजुर्ग

तुर्की। दुनिया भर में एक कहावत मशहूर है जिसमें कहा गया है कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोई…. इस कहवाल को एक 77 वर्षीय बुजुर्ग ने हकीकत में बदल कर दुनिया भर को चकित कर दिया है । दर असल तुर्की और सीरिया में पिछले दिनों आए विनाशकारी 7.8 तीव्रता के भूकंप के 212 घंटे बाद  राहतकर्मियों ने अदियामन में मलबे से 77 वर्षीय एक व्यक्ति को जीवित बचाया। तुर्की और इसके पड़ोसी सीरिया में 6 फरवरी को आई आपदा में मरने वालों की संख्या 41000 हो गयी है।

संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने हालांकि, कहा है कि सहायता के प्रयास का ध्यान उन लोगों की मदद करने की ओर शिफ्ट हो गया है जो अब आश्रय या कड़कड़ाती ठंड में में पर्याप्त भोजन की कमी और अन्य परेशानियों का सामना कर रहे हैं। लेकिन बचावकर्ता अभी भी भूकंप के एक सप्ताह से अधिक समय से जीवित बचे लोगों को मलबे के नीचे जमीन से बाहर निकालने में प्रयासरत हैं। दोंनों देशों में भूकंप ने कई शहरों में तबाही मचाई है। इसके चलते कड़ाके की ठंड के बीच लोग बेघर हो गए हैं।

गौरतलब है कि सोमवार यानी 13 फरवरी को तुर्की में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके इतने तेज रहे कि भारतीय सेना के अस्पताल में भी में भी दरारें पड़ गई हैं। कुछ और जगहों से भी नुकसान की खबरें आ रही हैं। इस समय सावधानी बरतते हुए भारतीय सेना के जवान भी बिल्डिंग की जगह टेंट में रह रहे हैं।
गौरतलब है कि तुर्की और सीरिया में कुछ दिन पहले भूकंप से भारी तबाही देखने को मिली थी. अभी भी जमीन पर रेस्क्यू जारी है और लगातार शव बाहर निकाले जा रहे हैं. इस रेस्क्यू मिशन में भारत ने तुकर्ी की बड़ी मदद की है ।

एनडीआरफ की कई टीमें भेजी गई हैं, राहत सामग्री भी लगातार पहुंचाई जा रही है. भारतीय सेना ने तो तुर्की में अपने अस्पताल भी बना लिए हैं जहां पर घायलों को उपचार मिल रहा है. कुछ दूसरे देश भी अपनी तरफ से तुर्की को सहायता भेज रहे हैं. तुर्की में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4.17 बजे आया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था। इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी।  भूकंप के झटकों ने मालाटया, सनलीउफर, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. बताया जा रहा है कि इस झट

https://theruralpress.in/2023/02/15/natures-charisma-77-year-old-man-still-alive-after-212-hours-of-earthquake/