क्लब ने इस अस्थाई रोक का मुख्य कारण आल इंडिया फुटबाल फेडरेशन (AIFF ) द्वारा लगाए गए वित्तीय प्रतिबंधों को बताया है। ज्ञात हो कि 2 जून को केरला ब्लास्टर्स एफसी की अपील को अक्षय जेटली की अध्यक्षता वाली अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की अपील समिति ने खारिज कर दिया था। 3 मार्च, 2023 को बैंगलोर एफसी और केरला ब्लास्टर्स के बीच हीरो इंडियन सुपर लीग प्ले-ऑफ मैच में, द ब्लास्टर्स के खिलाड़ियों और कोचों ने रेफरी क्रिस्टल जॉन द्वारा विवादास्पद सुनील छेत्री के गोल को मानने पर अनुशासनहीनता की थी । और कोच इवान वुकोमानोविक के साथ खिलाडियों ने मैच को पूरा खेले बिना बाहर चले गए थे।
कोच इवान वुकोमानोविक
इसके बाद ए आई एफ एफ ने केरला ब्लास्टरस क्लब पर 4 करोड़ रुपये, कोच इवान वुकोमानोविक पर 5 लाख रुपये और 10 मैचों का प्रतिबंध लगाया था। दोनों मामलों में, अपील समिति ने अनुशासनात्मक शासन समिति के पहले के निर्णयों को बनाये रखा है । और ये स्पस्ट किया है की केरला ब्लास्टर्स और कोच दोनों को दो सप्ताह के भीतर संबंधित जुर्माना (फाइन) भरना होगा।
केरला ब्लास्टर्स ने इस फैसले के बाद बयान जारी कर कहा कि हमें न चाहते हुए भी भारी मन से अपनी महिला टीम पर अस्थायी रोक लगा रहे हैं. क्लब ने स्पष्ट किया कि वित्तीय प्रतिबंधों के कारण यह निर्णय आवश्यक था। क्लब ने आगे कहा कि पिछला उत्साहजनक सीजन जिसमें हमारी महिला टीम ने जबरदस्त नतीजे दिए थे। इस साल हम महिला खिलाड़यों को भी पुरुष टीम की तरह विदेशी प्री-सीजन दौरा और उनके लिए उनके लिए अन्य योजनाओं पर भी काम कर रहे थे। लेकिन आर्थिक पाबंदियों की वजह से ये अब संभव नहीं है।
क्लब की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह प्रतिबंध अस्थायी है । क्लब अभी भी फुटबॉल एसोसिएशन से संभावित और वित्तीय प्रतिबंधों का इंतजार कर रहा है। बयान में कहा गया है कि मामला पूरी तरह से बंद होने के बाद महिला टीम को बहाल कर दिया जाएगा।
क्लब ने महिला खिलाडियों को उनके समर्पण, लचीलापन और प्रतिभा के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। और इस अस्थाई रोक के दौरान भी क्लब का समर्थन देने का भरोसा दिया है। साथ ही क्लब ने अपने समर्थकों को भी दिलासा दिया है की यह अस्थाई रोक जल्दी हट जाएगी।
अदिति चौहान
ब्लास्टर्स क्लब के इस फैसले पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। भारतीय फुटबॉल टीम की वाईस कप्तान और गोलकीपर अदिति चौहान ने ट्विटर पर कहा “तो पुरुष टीम ने जो किया उसके लिए जुर्माना मिलता है और पैसा महिला टीम के बजट से आता है और इसे बंद कर दिया जाता है? महान, इस तरह भारत में महिला फुटबॉल का विकास होगा। भयानक।”