नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में H3N2 इन्फ्लूएंजा (H3N2 Influenza) वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। H3N2 के साथ अब कोरोना के मामलों में भी उछाल आ रहा है। भारत में 1 जनवरी से 21 मार्च तक H3N2 के 1,317 मामले दर्ज किए गए, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया।
प्रवीण पवार ने एक लिखित उत्तर में कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, पिछले दो महीनों में आईएलआई/एसएआरआई निगरानी के माध्यम से रिपोर्ट किए गए 510 H3N2 मामलों में से 19 रोगियों को आईसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ी।
आईसीएमआर के एक सर्वेक्षण के मुताबिक दो महीने से अधिक समय में अस्पतालों में भर्ती होने वाले श्वसन संक्रमण वाले 50 प्रतिशत से अधिक रोगियों के मामले एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के हैं।
पवार ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति की निगरानी कर रहा है और H3N2 सहित इन्फ्लूएंजा के मामलों के प्रबंधन के लिए राज्यों का समर्थन करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने संबंधित क्षेत्रों में ILI/SARI (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी/गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी) की प्रवृत्ति का बारीकी से पालन करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध करने वाली एक सलाह जारी करना शामिल है।
देशभर में H3N2 और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग एक बार फिर से मास्क पहनने लगे हैं। सरकार ने एडवाइजरी जारी कर लोगों (खासकर बच्चों और बुजुर्गों) से विशेष सावधानी बरतने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की अपील की है।
H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण
H3N2 इन्फ्लूएंजा से संक्रमितों को बुखार के साथ कमजोरी, थकान, शरीर में दर्द, जोड़ों का दर्द और सांस की तकलीफ हो सकती है। ध्यान दें कि अगर आपकी इम्युनिटी पावर कमजोर है तो इन लक्षणों के गंभीर रूप लेने का खतरा भी हो सकता है। स्वस्थ लोगों (जिन्हें कोई गंभीर और क्रोनिक बीमारी नहीं है) में यह लक्षण सामान्य दवाओं के माध्यम से आसानी से ठीक हो रहे हैं।
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